किन कंडीशन में पति को भी मिल सकती है तलाक के बाद एल्यूमिनी रकम? यहां जानिए क्या कहता है नियम!

क्या पति-पत्नी के बीच तलाक हो जाने के बाद पति को भी एल्यूमिनी रकम मिल सकती है? हाल ही में क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा का तलाक हुआ, जिसमें धनश्री वर्मा को एल्यूमिनी के रूप में 4.75 करोड़ रुपए प्राप्त हुए। लेकिन इसके बाद यह चर्चा लोगों के बीच देखी गई कि क्या एल्यूमिनी का हकदार पति भी हो सकता है।

हाल ही में क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा का तलाक हो गया, जिसके बाद कई तरह के सवाल लोगों के मन में उठने लगे हैं। युजवेंद्र चहल और धनश्री के तलाक के बाद एल्यूमिनी के तौर पर धनश्री को 4.75 करोड़ रुपए मिलेंगे। यह तलाक सेटलमेंट की रकम रही है। हालांकि, इसमें से युजवेंद्र चहल की ओर से 2.37 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। लेकिन अब सभी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या डाइवोर्स के समय एल्यूमिनी सिर्फ पत्नी को ही मिलती है।

एल्यूमिनी कैसे तय की जाती है और क्या किसी मामले में पति को एल्यूमिनी रकम मिलती है? अगर आपके मन में भी इसी तरह के सवाल हैं तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। इस खबर में हम आपको इस विषय से जुड़े सभी सवालों की जानकारी देने जा रहे हैं।

जानिए ऐसा कोई नियम है क्या?

दरअसल, एल्यूमिनी की रकम के नियम पर नजर डालें तो कोर्ट की ओर से ऐसा कोई भी तय नियम नहीं है। कोर्ट कई फैक्टर्स पर ध्यान देने के बाद यह निर्णय लेती है, जिसमें हसबैंड-वाइफ की कमाई, दोनों का फाइनेंशियल स्टेटस और दोनों की सेविंग्स को देखा जाता है। इसके अलावा, कोर्ट द्वारा यह भी देखा जाता है कि दोनों की शादी कितने समय तक रही, क्या इनका कोई बच्चा भी है और अगर है तो उसकी देखभाल के लिए क्या किया जाना चाहिए। इसके बाद, कोर्ट यह भी देखती है कि क्या पत्नी एक वर्किंग प्रोफेशनल है और क्या वह इंडिपेंडेंट है। हालांकि, कोर्ट द्वारा दोनों की कमाई को देखा जाता है और यह आंका जाता है कि पति और पत्नी की कमाई में कितना अंतर है। अगर किसी मामले में पत्नी की कमाई पति की कमाई से ज्यादा होती है तो कोर्ट एल्यूमिनी के लिए मना कर सकता है।

क्या पति को भी मिल सकती है एल्यूमिनी?

इसके अलावा, अगर पत्नी एजुकेटेड है और पति के परिवार को संभालती है या पति के बिजनेस में हाथ बंटाती है, तो ऐसी स्थिति में कोर्ट यह निर्णय लेती है कि पत्नी द्वारा अपने करियर का बलिदान देकर उसने पति का परिवार संभाला है। इस कारण से उसे गुजारा भत्ता देना जरूरी है, जिससे उसकी जीवनयापन हो सके। हालांकि, सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पति को भी एल्यूमिनी मिल सकती है? बता दें कि ऐसा हो सकता है। हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 24 और 25 के मुताबिक, पति भी एल्यूमिनी या गुजारा भत्ता लेने के लिए कोर्ट में क्लेम लगा सकता है। हालांकि, पति को यह साबित करना होगा कि वह पूर्ण रूप से अपनी पत्नी पर निर्भर है। अगर पति को कोई बीमारी है या वह विकलांग है और काम करने में असमर्थ है, तो वह एल्यूमिनी के लिए क्लेम कर सकता है।


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Rishabh Namdev

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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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