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Mon, Dec 15, 2025

अमरनाथ यात्रा 2025 हुई शुरू, जम्मू से पहला जत्था हुआ रवाना, यहां जानिए यात्रा का रूट और सभी जरूरी जानकारी

Written by:Rishabh Namdev
अमरनाथ यात्रा 2025 का पहला जत्था बुधवार को जम्मू से रवाना हो गया। LG मनोज सिन्हा ने भगवती नगर बेस कैंप से झंडी दिखाकर इसे रवाना किया। इस बार सुरक्षा बेहद कड़ी है और पहली बार हाईवे पर जैमर भी लगाए गए हैं।
अमरनाथ यात्रा 2025 हुई शुरू, जम्मू से पहला जत्था हुआ रवाना, यहां जानिए यात्रा का रूट और सभी जरूरी जानकारी

3 जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था बुधवार सुबह जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से रवाना हो गया। दरअसल उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर जत्थे को रवाना किया। यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में काफी जोश देखने को मिल रहा है। ‘बम-बम भोले’ और ‘हर-हर महादेव’ के नारों के बीच यात्रा की शुरुआत हुई। वहीं 38 दिन चलने वाली इस पवित्र यात्रा का समापन 9 अगस्त, रक्षाबंधन के दिन होगा। इस बार रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया काफी तेज है और अब तक 3.5 लाख से ज्यादा लोग ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।

जानिए अमरनाथ यात्रा का रूट

दरअसल अमरनाथ यात्रा दो मुख्य रूट्स से होती है पहलगाम और बालटाल। पहलगाम रूट लंबा है लेकिन इसे थोड़ा आसान माना जाता है, वहीं बालटाल रूट छोटा लेकिन चुनौती वाला है। वहीं पहलगाम से गुफा तक पहुंचने में तीन दिन लगते हैं। पहले दिन यात्री चंदनवाड़ी होते हुए पिस्सू टॉप और शेषनाग पहुंचते हैं। जबकि दूसरे दिन पंचतरणी और फिर तीसरे दिन गुफा तक पहुंचते हैं। इस रूट की कुल दूरी करीब 36 किमी होती है।

यात्रा में क्या क्या साथ रखें?

वहीं बालटाल रूट सिर्फ 14 किमी लंबा है लेकिन इसमें एकदम सीधी और खड़ी चढ़ाई होती है। बुजुर्गों और कम फिटनेस वाले श्रद्धालुओं को इस रूट से दिक्कत हो सकती है। हालांकि समय की बचत चाहने वालों के लिए यह एक तेज विकल्प है। श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान आधार कार्ड, 4 पासपोर्ट फोटो, मेडिकल सर्टिफिकेट और RFID कार्ड साथ रखना जरूरी है। साथ ही गर्म कपड़े, रेनकोट, दवाइयां और ट्रैकिंग स्टिक जैसे जरूरी सामान भी लेकर चलना चाहिए।

अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा

दरअसल इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था पहले से ज्यादा मजबूत और हाईटेक की गई है। CRPF ने जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे (NH-44) पर मल्टी-लेयर सिक्योरिटी सेटअप लागू किया है। पहली बार हाईवे पर जैमर लगाए गए हैं ताकि किसी भी तरह की इलेक्ट्रॉनिक गतिविधियों पर नियंत्रण रखा जा सके। इसके अलावा चेहरा पहचानने वाला सिस्टम (FRS) भी एक्टिव है, जो ब्लैकलिस्टेड या संदिग्ध लोगों की पहचान कर सकता है। इसके अलावा जगह-जगह K-9 डॉग स्क्वॉड और सीसीटीवी कैमरों की मदद से निगरानी की जा रही है। जम्मू और कश्मीर के मुख्य सचिव अतुल डुल्लू ने खुद व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और सामुदायिक रसोई, मेडिकल सुविधाएं और बोर्डिंग व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि हर तीर्थयात्री की ट्रैकिंग RFID तकनीक से की जाए ताकि किसी भी इमरजेंसी में मदद की जा सके।