अयोध्या के राम मंदिर में होने वाले द्वितीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है। इस आयोजन को लेकर अब गृह मंत्री अमित शाह के आगमन की चर्चा जोरों पर है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से उन्हें आमंत्रण भेजा जा रहा है। अगर वे इस आयोजन में शामिल होते हैं, तो यह उनका राम मंदिर में पहला आधिकारिक दौरा होगा।
गौरतलब है कि रामलला की स्थापना और भूमि पूजन जैसे अहम आयोजनों में वे शामिल नहीं हो सके थे दरअसल तीन से पांच जून के बीच रामजन्मभूमि परिसर में कुल 14 मंदिरों में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इनमें राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की मूर्ति, परकोटे के भीतर छह देवी-देवताओं के पूरक मंदिर और परकोटे के बाहर सप्तर्षियों के सात मंदिर भी शामिल हैं।

दिग्गज नेताओं को आमंत्रित किया जा रहा
साथ ही शेषावतार लक्ष्मण जी का मंदिर भी निर्माणाधीन है, जहां मूर्ति की स्थापना की जाएगी। इस समारोह को लेकर ट्रस्ट बेहद तेज गति से काम कर रहा है और कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ सहित अन्य दिग्गज नेताओं और संत-समाज को भी आमंत्रित किया जा रहा है। मूर्तियों में से अधिकांश की स्थापना हो चुकी है, अब शेष की प्राण प्रतिष्ठा का कार्य होना है। आयोजन में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियां भी शामिल रहेंगी। ऐसे में अयोध्या में एक बार फिर उत्सव जैसा ही माहौल रहने वाला है।
अमित शाह अब तक क्यों नहीं पहुंचे राम मंदिर?
बता दें कि राम मंदिर निर्माण से जुड़ी कई ऐतिहासिक मामलों में गृह मंत्री अमित शाह की गैरमौजूदगी हमेशा चर्चा में रही है। 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया था, लेकिन अमित शाह नहीं पहुंच सके। 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर पर भी वे दिल्ली में ही थे और उन्होंने बिड़ला मंदिर से लाइव प्रसारण देखा था। हालांकि, वर्ष 2021 में विधानसभा चुनाव के दौरान अयोध्या आकर उन्होंने रामलला के वैकल्पिक गर्भगृह में दर्शन जरूर किए थे। इसके अलावा, उनकी पत्नी सोनल शाह, बेटा जय शाह और बहू रिशिता पटेल इस साल प्रयागराज कुंभ के दौरान अयोध्या पहुंचकर रामलला के दर्शन कर चुके हैं।