गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार (29 जुलाई, 2025) को संसद में बड़ा बयान देते हुए पुष्टि की कि ऑपरेशन महादेव के तहत श्रीनगर में मारे गए तीनों आतंकवादी वही थे, जिन्होंने पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या की थी। इससे पहले इस बात की जानकारी केवल सूत्रों के हवाले से सामने आई थी, लेकिन अब खुद गृहमंत्री ने इसकी पुष्टि कर दी है। उन्होंने बताया कि सेना, एनआईए और वैज्ञानिकों की मदद से इन आतंकियों की पहचान की गई और यह साबित हो गया कि ये तीनों आतंकी पहलगाम हमले में शामिल थे।
अमित शाह ने बताया कि आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई एक सुनियोजित और तकनीकी रूप से सटीक अभियान का हिस्सा थी, जिसे “ऑपरेशन महादेव” नाम दिया गया। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया कि भारत की सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों को किसी भी कीमत पर बख्शने के मूड में नहीं हैं।
चार से पांच राउंड की जांच और बैलेस्टिक रिपोर्ट से हुई पुष्टि
गृहमंत्री ने संसद में बताया कि आतंकियों की पहचान महज मौखिक गवाही या अंदाजे से नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और तकनीकी तरीकों से की गई। एनआईए ने जिन लोगों को आतंकियों को पनाह देने के आरोप में हिरासत में लिया था, उनमें से चार लोगों ने यह पहचान की पुष्टि की। फिर भी सरकार ने केवल गवाहियों पर भरोसा नहीं किया।
उन्होंने बताया कि आतंकियों के पास से एम-9 अमेरिकन राइफल और दो एके-47 बरामद की गईं। इन राइफलों से निकले कारतूसों का मिलान पहले से तैयार की गई बैलेस्टिक रिपोर्ट से किया गया। खास बात यह रही कि पहलगाम हमले में जिन गोलियों का इस्तेमाल हुआ था, वे भी इन्हीं राइफलों से निकली थीं। चंडीगढ़ स्थित FSL लैब की रिपोर्ट और वैज्ञानिकों की अंतिम पुष्टि सुबह 4:46 बजे मिली, जिसमें कहा गया कि ये गोलियां 100% वही हैं जो पहलगाम में चलाई गई थीं।
दाचीगाम की पहाड़ियों में 60 दिन तक चला गुप्त अभियान
अमित शाह ने संसद को बताया कि 22 मई को IB को एक खुफिया इनपुट मिला कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकी श्रीनगर के दाचीगाम क्षेत्र में छिपे हो सकते हैं। इस इनपुट के बाद सेना, आईबी, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 60 दिन तक लगातार ऑपरेशन चलाया। बेहद ठंडे मौसम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद जवान ऊंचाई वाले इलाकों में सिग्नल ट्रैकिंग करते रहे।
22 जुलाई को आतंकियों की लोकेशन की पुष्टि हुई और ऑपरेशन महादेव का अंतिम चरण शुरू किया गया। चार पैरा स्पेशल फोर्स, सीआरपीएफ और पुलिस ने आतंकियों को घेरकर घातक हमला किया, जिसमें तीनों आतंकवादी मारे गए।
सरकार का सख्त संदेश: आतंक का हर जवाब मिलेगा तय समय पर
अमित शाह ने अपने भाषण में कहा कि यह कार्रवाई सरकार की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “जो निर्दोष लोगों की हत्या करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। भारत की जमीन पर आतंक का कोई भविष्य नहीं है।”
विपक्ष लगातार सरकार पर कार्रवाई में देरी का आरोप लगा रहा था, खासकर ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले को लेकर। अमित शाह के इस बयान के बाद अब स्पष्ट हो गया है कि सरकार ने पूरी तैयारी और ठोस सबूतों के साथ ऑपरेशन को अंजाम दिया।





