आखिर क्यों Amitabh Bachchan को याद आए बाबूजी, शेयर की उनकी ये खास बात

amitabh bachchan

मुंबई, डेस्क रिपोर्ट। बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने कोरोना संकटकाल में अपने बाबूजी और विख्यात कवि हरिवंशराय बच्चन (Harivansh Rai Bachchan) को याद किया है। इन दिनों मुंबई में टाउते तूफान ने भी मुंबई में कहर बरपाया हुआ है, ऐसे में उन्होने बाबूजी की कविता (Poem) शेयर करते हुए लिखा है कि समय के साथ जिस तरह सुख बीत जाता है उसी तरह दुख का समय भी बीतेगा।

अमिताभ बच्चन हमेशा कहते रहे हैं कि उनका सबसे बड़ा संबल और साहस बाबूजी रहे हैं। वे भले आज उनके साथ न हों लेकिन अब भी उनकी लेखनी प्रेरणा देती है। एक बार फिर अमिताभ बच्चन ने बाबूजी को याद करते हुए ट्विटर (Twitter) पर उनकी कविता शेयर की है। उन्होने बाबूजी की कविता अपने हाथ से लिखी है “काल छीनने दु:ख आता है, जब दु:ख भी प्रिय हो जाता है, नहीं चाहते जब हम दु:ख के बदले चिर सुख भी! साथी साथ ना देगा दु:ख भी!” इसे ट्विटर पर शेयर करते हुए बिग बी ने संदेश दिया है कि हमें न निराश होने की जरूरत है न हारने की। समय के साथ सब बीत जाता है और ये कठिन समय भी बीत जाएगा।

यहां पढ़िये पूरी कविता

काल छीनने दु:ख आता है
जब दु:ख भी प्रिय हो जाता है
नहीं चाहते जब हम दु:ख के बदले चिर सुख भी!
साथी साथ ना देगा दु:ख भी!

जब परवशता का कर अनुभव
अश्रु बहाना पडता नीरव
उसी विवशता से दुनिया में होना पडता है हंसमुख भी!
साथी साथ ना देगा दु:ख भी!

इसे कहूं कर्तव्य-सुघरता
या विरक्ति, या केवल जडता
भिन्न सुखों से, भिन्न दुखों से, होता है जीवन का रुख भी!
साथी साथ ना देगा दु:ख भी!


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News