हैदराबाद: आंध्र प्रदेश के कर्नूल जिले में हुए भीषण बस हादसे में 19 लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने नई जानकारी सामने रखी है। जांच में पता चला है कि आग लगने की मुख्य वजह बस में लगी दो 12 केवी की बैटरियों का विस्फोट था। यह हादसा शुक्रवार तड़के हुआ था, जब हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही एक स्लीपर बस हादसे का शिकार हो गई।
पुलिस ने बस के मुख्य चालक मिरियाला लक्ष्मैय्या (42) और सहायक चालक शिवा नारायण को हिरासत में ले लिया है। शुरुआती जांच में चालक की लापरवाही और तेज रफ्तार को हादसे के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।
ऐसे हुआ हादसा और भड़की आग
कर्नूल रेंज के डीआईजी कोया प्रवीन ने बताया कि आग दो जगहों से एक साथ फैली थी। हादसा तब हुआ जब बस ने चिन्ना टेकुरु गांव के पास पहले से दुर्घटनाग्रस्त एक बाइक को कुचल दिया। टक्कर के बाद बाइक बस के नीचे फंस गई और उसका फ्यूल टैंक फट गया, जिससे पहली चिंगारी उठी।
“बस में आग दो जगहों से फैली—पहली बाइक के फ्यूल टैंक के फटने से और दूसरी बस की बैटरी टूलकिट के पास से। बस में लगे दो 12 केवी बैटरी पैक फट गए, जिससे आग तेजी से फैल गई।” — कोया प्रवीन, डीआईजी, कर्नूल रेंज
पुलिस के मुताबिक, बैटरियों में विस्फोट के कारण आग कुछ ही पलों में बेकाबू हो गई। इसके अलावा, बस में रखे गए ज्वलनशील पदार्थ जैसे मेटैलिक पेंट और अन्य सामान ने आग को और विकराल बना दिया।
ड्राइवर कूदकर भागा, फिर की मदद की कोशिश
हादसे के वक्त बस में कुल 44 यात्री सवार थे। कर्नूल के एसपी विक्रांत पाटिल ने बताया कि आग लगते ही मुख्य चालक लक्ष्मैय्या बस से कूदकर अपनी जान बचाने में कामयाब रहा। बाद में उसने सहायक चालक को जगाया और दोनों ने मिलकर यात्रियों को बचाने के लिए बस की खिड़कियों के शीशे तोड़े।
हालांकि, उनकी कोशिशें नाकाफी साबित हुईं क्योंकि आग इतनी भीषण थी कि कुछ ही मिनटों में पूरी बस जलकर खाक हो गई। इस हादसे में 19 यात्री जिंदा जल गए, जबकि कई अन्य घायल हो गए।
लापरवाही का मामला दर्ज
घटना के बाद मुख्य चालक मौके से फरार हो गया था, जिसे पुलिस ने बाद में कर्नूल से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी चालक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 125(ए) (मानव जीवन को खतरे में डालना) और 106(1) (लापरवाही से मौत का कारण बनना) के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की आगे की जांच जारी है।





