अपराजिता : दुनिया से जाते जाते दो लोगों को रोशनी दे गई 18 दिन की यह मासूम

शहडोल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश की महज 18 दिन की मासूम बिटिया की यह खबर पढ़कर आंखे नम हो जाएगी। 18 दिन की इस मासूम की आँखे उसके माता पिता ने दान की। खुद तो वह दुनिया से रुखसत हो गई मगर जाते जाते दो लोगो को रोशनी दे गई। दरअसल 18 दिन की अपराजिता झारखंड की सबसे यंगेस्ट आई डोनर है। 18 दिन की अपराजिता की 4 अगस्त को मौत हो गई थी। दरअसल जन्म से ही अपराजिता की फ़ूड पाइप नही थी। तमाम प्रयासों के बावजूद भी डॉक्टर उसे ठीक नही कर पाए।उसे जब बचाया जाना बेहद मुश्किल हो गया तो उसके माता पिता ने तय किया की अपराजिता तो बच नहीं पाएगी लेकिन उसकी आंखों से कोई दुनिया को देख सके, अपराजिता की वजह से दो लोग दुनिया देख रहे हैं।

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दरअसल अपराजिता के माता पिता मध्य प्रदेश के शहडोल के रहने वाले है, लेकिन अपराजिता का इलाज झारखंड के अस्पताल मे किया जा रहा था, मध्यप्रदेश की महज 18 दिन की यह बेटी अपराजिता झारखंड की यंगेस्ट आई डोनर बन गई। परिजनों ने  बेटी की मौत के तुरंत बाद नेत्रदान का फैसला लिया। उन्होंने दो लोगों को आंखों की राेशनी दी। यह अब तक की सबसे छोटी आई डोनर बनी। कॉर्निया रिट्रीव करने वाली चिकित्सकों के अनुसार, अपराजिता न सिर्फ झारखंड बल्कि देश में भी सबसे छोटी टॉप 5 डोनर बन चुकी है। अपराजिता माता-पिता की पहली संतान थी।


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Harpreet Kaur