ट्रेन हादसों को रोकेगा कवच – प्रणाली के लिए 1112 करोड़ से अधिक राशि का आवंटन

कवच लोको पायलट द्वारा ब्रेक लगाने में विफल होने की स्थिति में स्वचालित रूप से ब्रेक लगाकर ट्रेन को निर्दिष्ट गति सीमा के भीतर चलाने में लोको पायलट की सहायता करता है और खराब मौसम के दौरान ट्रेन को सुरक्षित रूप से चलाने में भी मदद करता है।

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Ashwini Vaishnav

RAIL NEWS : लोकसभा में रेलवे में कवच स्थापना के बारे में जानकारी देते हुए रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कवच स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली है। कवच एक अत्यधिक प्रौद्योगिकी गहन प्रणाली है, जिसके लिए उच्चतम क्रम के सुरक्षा प्रमाणन की आवश्यकता होती है। कवच लोको पायलट द्वारा ब्रेक लगाने में विफल होने की स्थिति में स्वचालित रूप से ब्रेक लगाकर ट्रेन को निर्दिष्ट गति सीमा के भीतर चलाने में लोको पायलट की सहायता करता है और खराब मौसम के दौरान ट्रेन को सुरक्षित रूप से चलाने में भी मदद करता है। कवच के कार्यान्वयन में कई गतिविधियों का निष्पादन शामिल है, जैसे प्रत्येक स्टेशन पर स्टेशन कवच की स्थापना, सम्पूर्ण ट्रैक की लंबाई में आरएफआईडी टैग का लगाना, पूरे सेक्शन में टेलीकॉम टावरों की स्थापना, ट्रैक के साथ ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाना,भारतीय रेलवे पर चलने वाले प्रत्येक लोकोमोटिव पर लोको कवच का प्रावधान।

2014 से शुरू हुआ कवच पर काम 

गौरतलब है कि कवच का कार्यान्वयन 2014 के बाद शुरू हुआ। 2014 से पहले, भारतीय रेलवे पर कवच की प्रगति शून्य थी। कवच को अब तक 1465 रूट किमी और दक्षिण मध्य रेलवे पर 144 लोकोमोटिव पर तैनात किया गया है। वर्तमान में, दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर (लगभग 3000 रूट किमी) पर कवच से संबंधित मुख्य मदों की प्रगति है।

* ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाना: 4275 किमी
* दूरसंचार टावरों की स्थापना: 364 नग
* स्टेशनों पर उपकरणों का प्रावधान: 285 नग
* लोको में उपकरणों का प्रावधान: 319 लोको
* ट्रैक साइड उपकरणों की स्थापना: 1384 रूट किलोमीटर।

विस्तृत परियोजना रिपोर्ट

भारतीय रेलवे ने अन्य 6000 रूट किलोमीटर पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और विस्तृत अनुमान भी तैयार किया है। जुलाई 2024 को कवच 4.0 विनिर्देश को आरडीएसओ द्वारा अनुमोदित किया गया है। इस संस्करण में विविध रेलवे नेटवर्क के लिए आवश्यक सभी प्रमुख विशेषताएं शामिल हैं। यह भारतीय रेलवे के लिए सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। एक छोटी अवधि के भीतर, भारतीय रेलवे ने स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली विकसित, परीक्षण और तैनाती शुरू कर दी है। क्षमता बढ़ाने और कार्यान्वयन को बढ़ाने के लिए, अधिक ओईएम के परीक्षण और अनुमोदन विभिन्न चरणों में हैं। कवच के स्टेशन उपकरण सहित ट्रैक साइड के प्रावधान की लागत लगभग 50 लाख रुपये / किमी है और लोको पर कवच उपकरण के प्रावधान की लागत लगभग 70 लाख रुपये / लोको है। कवच कार्यों पर अब तक उपयोग की गई धनराशि ₹1216.77 करोड़ है। वर्ष 2024-25 के दौरान निधियों का आवंटन ₹1112.57 करोड़ है।

 


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Sushma Bhardwaj

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