अग्निपथ स्कीम : सेना का बड़ा बयान, एफआईआर में आया नाम तो नहीं बन पाएंगे अग्निवीर

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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। सेना में भर्ती की नई अग्निपथ स्कीम की घोषणा के बाद से देश में संग्राम मचा हुआ है। सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे नौजवानों के हाथों में डंडे और पत्थर आ गए और उन्होंने सड़कों पर खूब उत्पात मचाया। हालांकि, सरकार अभी भी अभ्यार्थियों की गलतफहमी दूर करने की कोशिश में लगी हुई है।

इस बीच सेना की तरफ से आए ताजे बयान में उन्होंने साफ कर दिया है कि सरकार इस योजना को वापस नहीं लेने वाली है और अगर किसी अभ्यार्थी का नाम एफआईआर में आता है तो वह अग्निवीर नहीं बन पाएगा।

दरअसल, अग्निपथ स्कीम पर मचे बवाल को शांत करने के लिए सेना की तरफ से भी पूरी कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में रविवार को इंडियन आर्मी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जहां सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने अग्निवीर भर्ती योजना के मुद्दे पर अपना संबोधन दिया।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जनरल अनिल पुरी के अलावा भारतीय सेना के एडजुटेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा, भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और भारतीय वायु सेना के कार्मिक प्रभारी एयर मार्शल सूरज झा भी मौजूद रहे। जानकारी के मुताबिक, इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज इस मसले पर तीनों सेना प्रमुखों के साथ एक बैठक की थी।

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वापस नहीं होगी अग्निपथ स्कीम

सेना ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि अग्निपथ स्कीम वापस नहीं होगा। सेना ने कोचिंग संस्थानों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे छात्रों को भड़का और उकसा रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अभ्यर्थियों को हिंसा और प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेना चाहिए।

सेना ने आगे कहा कि अगले 4-5 वर्षों में, हम 50-60 हजार सैनिकों की बहाली करेंगे और बाद में इसे बढ़ाकर 90,000- 1 लाख तक किया जाएगा। हमने योजना का विश्लेषण करने के लिए 46,000 जवानों से छोटी शुरुआत की है।

ले. ज पुरी ने भेदभाव कि अफवाहों को खारिज करते हुए यह साफ किया कि सेवा शर्तों में अग्निवीरों साथ कोई भेदभाव नहीं होगा। उन्हें सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों को मिलता है। जो कपड़े सेना के जवान पहनते हैं वहीं कपड़े अग्निवीर पहनेंगे, जिस लंगर में सेना के जवान खाना खाते हैं वहीं पर अग्निवीर खाएंगे।

1989 में शुरू हुआ था इस योजना पर विचार

लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने बताया कि 1989 में इस योजना पर विचार करना शुरू हो गया था। लेकिन इसे लागू करने से पहले कई देशों की सेना और उसकी कार्यशैली का अध्यन किया गया। उन्होंने कहा कि सेना को युवा लोगों की जरूरत है। आज सेना की औसत उम्र 32 साल है, इसे हम कम करके 26 साल पर करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि युवाओं में ज्यादा रिस्क लेने की क्षमता होती है।

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एयरफोर्स, नेवी और आर्मी में क्रमश: 24, 25 जून और 1 जुलाई से शुरू होगी भर्तियां

एडजुटेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल बंशी पुनप्पा ने बताया कि सेना में अग्निवीरों की भर्ती के लिए 1 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा। जिसके बाद अभ्यार्थी रजिस्ट्रेशन शुरू कर सकते हैं। भर्ती के लिए पहली रैली अगस्त के दूसरे सप्ताह से शुरू होगी। रैली में फिजिकल टेस्ट और मेडिकल होगा, उसके बाद प्रवेश परीक्षा होगी, फिर उन्हें कॉलम में मेरिट के अनुसार भेजा जाएगा। अगस्त से नवंबर तक 2 बैच में रैलियां होंगी। दिसंबर में पहले लॉट में 25,000 अग्निवीर आएंगे। अग्निवीरों का दूसरा जत्था फरवरी में आएगा। देश भर में कुल 83 भारतीय रैलियां होंगी जो देश के हर राज्य में हर आखिरी गांव तक होंगी। वायुसेना में भर्ती 24 जून वहीं नौसेना में बहाली की अधिसूचना 25 जून को आएगी।


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Manuj Bhardwaj

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