अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को व्हाइट हाउस का बफून-इन-चीफ कहकर निशाना साधा। यह बयान ट्रंप की ओर से भारत से आने वाले सभी सामानों पर 25% टैरिफ और रूस से कच्चा तेल व सैन्य उपकरण खरीदने के लिए भारत पर अघोषित जुर्माना लगाने की घोषणा के एक दिन बाद आया है। ओवैसी ने इसे भारत की अर्थव्यवस्था पर जानबूझकर हमला बताया जो विदेशी निवेश, निर्यात और नौकरियों को नुकसान पहुंचाएगा।
ओवैसी ने अपने एक्स पोस्ट में कहा कि यह टैरिफ और जुर्माना भारत की संप्रभुता और आर्थिक स्थिति पर स्पष्ट हमला है। उन्होंने कहा कि भारत एक स्वतंत्र देश है, न कि कोई ऐसा देश जो अमेरिका के सामने झुके। उन्होंने चेतावनी दी कि यह टैरिफ भारतीय एमएसएमई, निर्माताओं, आईटी फर्मों, सेवा प्रदाताओं और किसानों को नुकसान पहुंचाएगा। साथ ही, जापान पर 15%, वियतनाम पर 20% और इंडोनेशिया पर 19% टैरिफ की तुलना में भारत पर 25% टैरिफ से देश की प्रतिस्पर्धी स्थिति कमजोर होगी।
भारत के माल निर्यात का 18% हिस्सा
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जो 2024 में भारत के कुल माल निर्यात का 18% हिस्सा है। भारत के 80 अरब डॉलर के निर्यात में कई प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं। ट्रम्प का यह फैसला दोनों देशों के बीच चल रही व्यापार समझौते की बातचीत के बीच आया है, जिसे भारत पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। ट्रंप ने भारत की व्यापार नीतियों को सबसे कठिन और आपत्तिजनक बताया है।
फैसले के प्रभावों का अध्ययन शुरू
भारत सरकार ने इस फैसले के प्रभावों का अध्ययन शुरू कर दिया है और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाने की बात कही है। ओवैसी ने कहा कि उन्होंने संसद में लंबे समय से भारत के खिलाफ बढ़ती शत्रुतापूर्ण व्यापार नीतियों का मुद्दा उठाया है। यह टैरिफ शुक्रवार से लागू होगा, जिसके बाद भारत को अपने व्यापारिक और आर्थिक रणनीति पर नए सिरे से विचार करना होगा।





