ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले का बदला लिया जाना चाहिए और ऑपरेशन सिंदूर को जारी रखना चाहिए। तेलंगाना के बोधन शहर में वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि पहलगाम हमला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की सुरक्षा चूक का एक उदाहरण है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा पर भी निशाना साधा जिन्होंने कथित तौर पर हमले की सुरक्षा विफलता की जिम्मेदारी ली थी। ओवैसी ने कहा कि अगर सिन्हा जिम्मेदार हैं तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “पहलगाम का बदला लिया जाना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर को जारी रखें। जब तक उन चार आतंकवादियों को पकड़कर मार नहीं लिया जाता जिन्होंने धर्म पूछकर 26 भारतीयों को मारा। हम आपसे सवाल करते रहेंगे।” उन्होंने पहलगाम हमले को मोदी सरकार की सुरक्षा नीति की विफलता का प्रतीक बताया। साथ ही, उन्होंने देश में मस्जिदों को तोड़ने, बुलडोजर चलाने और घरों को ध्वस्त करने की कथित घटनाओं को देश के लिए हानिकारक बताया।
पहलगाम आतंकी हमला
पहलगाम जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले का एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जहां अप्रैल 2025 में आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में आतंकवादियों ने कथित तौर पर लोगों के धर्म पूछकर 26 भारतीयों की हत्या कर दी थी। इस घटना ने देश में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए और केंद्र सरकार की आतंकवाद विरोधी नीतियों की आलोचना को बढ़ावा दिया। हमले की जिम्मेदारी किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली लेकिन इसे सुरक्षा बलों की विफलता के रूप में देखा जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर से लिया बदला
ऑपरेशन सिंदूर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चलाया जा रहा सैन्य अभियान है जिसका उद्देश्य आतंकवादियों को ढूंढकर उन्हें खत्म करना और क्षेत्र में शांति स्थापित करना है। यह अभियान विशेष रूप से उन आतंकवादियों को निशाना बनाता है जो नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले करते हैं। ओवैसी ने इस अभियान को और तेज करने की मांग की है ताकि पहलगाम जैसे हमलों के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जा सके। उन्होंने सरकार से इस दिशा में ठोस कदम उठाने का आह्वान किया।





