केंद्रीय रेल, सूचना और प्रसारण व आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत सरकार ने डिजिटल मीडिया पर 1,400 से अधिक URL (वेबसाइट लिंक) ब्लॉक किए हैं। लोकसभा में सांसद तेजस्वी सूर्या के सवाल के जवाब में वैष्णव ने कहा कि कुछ सोशल मीडिया हैंडल, विशेष रूप से विदेशों से संचालित, झूठी और हानिकारक जानकारी फैला रहे थे। इनके खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69A के तहत कार्रवाई की गई।
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ब्लॉक किए गए URL में झूठी, भ्रामक और भारत विरोधी खबरें, पाकिस्तान आधारित सोशल मीडिया अकाउंट्स से सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री और भारतीय सशस्त्र बलों के खिलाफ भड़काऊ सामग्री शामिल थी। यह कार्रवाई देश की संप्रभुता, अखंडता, रक्षा, सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के हित में की गई।
24x7 केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष स्थापित
ऑपरेशन सिंदूर, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद शुरू हुआ, जिसमें 25 पर्यटक और एक स्थानीय गाइड मारे गए थे, के दौरान सरकार ने एक 24x7 केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष स्थापित किया। इसे रक्षा बलों, सरकारी मीडिया इकाइयों और प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) द्वारा निगरानी की गई ताकि वास्तविक समय में जानकारी साझा की जा सके। PIB की फैक्ट-चेक इकाई ने भी फर्जी खबरों और प्रचार को ट्रैक कर उनका खंडन किया।
सुरक्षा बलों की गतिविधियों का सीधा प्रसारण
वैष्णव ने आगे बताया कि पहलगाम हमले के चार दिन बाद 26 अप्रैल को सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने मीडिया को सलाह दी थी कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों का सीधा प्रसारण न किया जाए। कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक्स बनाम भारत सरकार मामले की सुनवाई के दौरान, सोशल मीडिया मंच एक्स ने खुलासा किया कि अप्रैल और मई के बीच 62 आपातकालीन ब्लॉकिंग आदेश जारी किए गए, जिनमें 12,000 URL और 10,500 अकाउंट्स को निशाना बनाया गया।





