तिरुमाला तिरुपति बालाजी मंदिर में भगदड़ मचने से 6 लोगों की मौत, 40 लोग घायल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर जताया दुख

बुधवार को तिरुमाला तिरुपति बालाजी मंदिर में बड़ा हादसा हो गया। दरअसल, भगदड़ मचने से छह लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 लोग घायल हो गए। जानकारी के मुताबिक यह भगदड़ बैकुंठ द्वार दर्शन टिकट काउंटर के पास मची।

Rishabh Namdev
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बुधवार देर रात 9:30 बजे आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में भगदड़ मचने से छह लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 श्रद्धालु घायल हो गए। बताया जा रहा है कि बैकुंठ द्वार दर्शन टिकट काउंटर के पास यह भगदड़ मची थी। घायलों को उपचार के लिए अस्पतालों में भर्ती किया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैकुंठ द्वार दर्शन के टिकट टोकन के लिए 91 काउंटर खोले गए थे। काउंटर के पास लगभग 4000 से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ थी। सभी श्रद्धालु लाइन में खड़े होकर टिकट टोकन का इंतजार कर रहे थे। इस दौरान आगे जाने की होड़ में अफरातफरी मच गई और इस भगदड़ में छह लोगों की जान चली गई।

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जताया हादसे पर दुःख

वहीं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस हादसे पर दुख जताया है। गुरुवार को वह घायलों से अस्पताल में मुलाकात कर सकते हैं। उन्होंने घायलों के उपचार के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं और फोन पर उच्च अधिकारियों से हादसे की जानकारी ली है। जानकारी के मुताबिक, 10 से 19 जनवरी तक वैकुंठ एकादशी के अवसर पर बैकुंठ द्वार दर्शन के लिए मंदिर के द्वार खोले जाएंगे। बुधवार को इसी के टोकन लेने के लिए श्रद्धालुओं की लाइन लगी थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया दुख

इस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “आंध्र प्रदेश के तिरुपति में हुई घटना बेहद दुखद है। मैं घायलों के जल्दी ठीक होने की प्रार्थना करता हूं।” बता दें कि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम दुनिया के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा 11वीं सदी में रामानुजाचार्य द्वारा की गई थी, जबकि मंदिर का निर्माण राजा तोंडमन द्वारा कराया गया था। यह मंदिर आंध्र प्रदेश के सेशाचलम पर्वत पर स्थित है।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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