गौमांस पर हिमंत बिस्वा सरमा सरकार का बड़ा फैसला, असम में अब नहीं बिकेगा Beef, मुख्यमंत्री ने सख्ती से पालन के निर्देश दिए

असम के होटलों, रेस्टोरेंट्स और सार्वजनिक स्थानों पर गौमांस या गोमांस नहीं परोसा जाएगा। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हमने इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया है, अन राज्य मन कोई भी गौमांस नहीं खा सकेगा।

Atul Saxena
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Beef ban in Assam: असम सरकार ने राज्य के होटलों, रेस्टोरेंट्स और सार्वजनिक स्थानों पर Beef (गौमांस) पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। बुधवार को कैबिनेट में निर्णय लिए जाने के बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस फैसले का ऐलान किया। उन्होंने मीडिया को बताया कि असम के मंत्रिमंडल ने यह फैसला लिया है। सीएम ने कहा अब असम के होटलों, रेस्टोरेंट्स और सार्वजनिक स्थानों पर गौमांस या गोमांस नहीं परोसा जाएगा। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हमने इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया है, अब राज्य में कोई भी गौमांस नहीं खा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम गौहत्या बंद करने के लिए तीन साल पहले कानून लाये थे उससे बहुत सफलता मिली अब हमने पूरे राज्य में गौमांस की बिक्री पर ही प्रतिबंध लगा दिया है उन्होंने कहा कि हमने पहले निर्णय लिया था कि मंदिर के 5 किमी के दायरे में बीफ के खाने या बेचने पर पाबंदी रहेगी। लेकिन इसे पूरे राज्य में अब लागू कर दिया गया है। अब राज्य में ना बीफ कहीं भी ना बनाया जाएगा और ना ही खाया जा सकेगा। इसपर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है।

मंत्री पीयूष हजारिका ने कांग्रेस पर साधा निशाना 

सरकार के इस फैसले के बाद सरकार में मंत्री पीयूष हजारिका ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट कर लिखा- “मैं कांग्रेस को चैलेंज करता हूं कि वह असम सरकार के बीफ बैन के फैसले का स्वागत करे या फिर पाकिस्तान में जाकर बस जाए।” आपको बता दें कि असम से कांग्रेस के सांसद रकीबुल हुसैन ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि पार्टी ने नगांव जिले के सामगुरी विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम वोटरों को रिझाने के लिए बीफ पार्टी का आयोजन किया था। इसी पर पलटवार करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कुछ दिन पहले कहा था कि अगर असम कांग्रेस के अध्यक्ष उन्हें पत्र लिखकर बीफ बैन की मांग करें, तो वह इसे लागू करने के लिए तैयार हैं।

गिरिराज सिंह ने गौहत्या को लेकर नेहरू पर साधा निशाना 

भाजपा ने फैसले का स्वागत करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू पर निशाना साधा, मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि इसके लिए नेहरूदोषी हैं, उन्होंने कहा कि नेहरू गौहत्या पर रोक लगा सकते थे यदि ऐसा किया होता तो आज ये दुर्दशा नहीं होती, उन्होंने बंटवारे में भी बेईमानी की, अम्बेडकर के साथ भी उन्होंने बेईमानी की, गिरिराज सिंह ने कहा कि अभी असम में रोक लगी है आगे जहाँ रोक लगाने की जरुरत होगी लगेगी।

AIUDF ने कहा कोई क्या खाए ये कैबिनेट तय नहीं करेगी 

उधर विपक्षी पार्टी AIUDF ने असम सरकार के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है, पार्टी की तरफ से कहा गया है कि कौन क्या खायेगा और क्या नहीं, ये कैबिनेट तय नहीं कर सकती। वहीं मुस्लिम संगठन जमीयत कामरूप ने सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने का ऐलान कर दिया है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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