भारत की ऐसी चमत्कारी जगह जहां सालभर रहता है पानी गर्म, स्नान मात्र से दूर हो जाती है बीमारियां

Best Destination

Best Destination : भारत में ऐसी कई सारी जगहें और नदियां मौजूद है जिनकी मान्यता काफी ज्यादा है। दूर-दूर से पर्यटक उन जगहों का दीदार करने के लिए जाना पसंद करते हैं। जहां के नजरें उनका मन मोह लेते हैं। वहीं भारत की नदियां भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। कुछ नदियां छोटी है तो कुछ नदियां बहुत बड़ी सभी की मान्यता अलग-अलग है। आज हम आपको एक ऐसी अनोखी नदी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका पानी हमेशा गर्म रहता है। काफी ज्यादा संख्या में पर्यटक यहां आना पसंद करते हैं। इसकी मान्यता भी काफी अधिक है। चलिए जानते हैं आखिर वो कौन सी नदी है जिसका पानी पूरे साल गर्म रहता है?

Tapta Kund से जुड़ी खास बातें

हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड में स्थित यमुनोत्री नदी के तप्तकुंड के बारे में। जी हां उत्तराखंड की यमुनोत्री नदी के पास यमुना देवी का एक प्राचीन मंदिर मौजूद है। इस मंदिर से कुछ फिट की दूरी पर एक कुंड भी मौजूद है जिसे तप्तकुंड के नाम से जाना जाता है। दूर-दूर से लोग यहां घूमने के लिए और मां यमुना के दर्शन करने के लिए आते हैं। इस कुंड की मान्यता भी काफी ज्यादा है। कहा जाता है कि सालभर इस कुंड का पानी गर्म रहता है। बता दे, तप्त जल कुंड का स्रोत जमुना देवी मंदिर से 20 फीट दूरी पर है।

कहा जाता है कि इस कुंड में नहाने से हर रोग दूर हो जाता है। अगर कोई व्यक्ति हमेशा बीमार रहता है या फिर वह अपने शरीर के कई रोगों से परेशान हो चुका है तो वह इस कुंड में आकर नहाए तो उसकी सभी समस्या दूर हो जाती है। यह कुंड सबसे ज्यादा गर्म माना जाता है। इस कुंड का पानी इतना ज्यादा गर्म होता है कि लोग इसमें आलू चावल पका कर खाना पसंद करते हैं। इस पानी से निकलने वाली मधुर ध्वनि लोगों को आकर्षित करती है। लोगों का मानना है कि ध्वनि में ओम की आवाज आती है, इस वजह से इसे ओम ध्वनि के नाम से भी जाना जाता है।

बद्रीनाथ तप्तकुंड की मान्यता

कहा जाता है की तप्तकुंड का पानी हाथ लगाने में जितना गर्म होता है उतना स्नान करने में पता नहीं चलता। स्नान करते समय कुंड का पानी शरीर के तापमान जितना ही हो जाता है। नीलकंठ की पहाड़ियों से इस पानी का उद्गम हुआ है। मान्यतों के मुताबिक, जो भी व्यक्ति इस कुंड में जल्दबाजी में छलांग लगाता है वह दोगुनी रफ्तार से बाहर आ जाता है। इस जगह पर भगवान बद्री ने तप किया था। इस वजह से ये बेहद पवित्र स्थलों में से एक है। कहा जाता है कि उनके तप के रूप में ही आज भी उस कुंड में गर्म पानी रहता है।

कहा जाता है कि इस कुंड में सूर्य देव वास करते हैं। भगवान सूर्य देव को भक्षा-भक्षी की हत्या का पाप लगा था जिसके बाद वह बद्रीनाथ आए और उन्होंने इस जगह पर तप किया। उसके बाद तब से सुर्य देव को भगवान ने जल रूप में विचलित किया। इस वजह से यहां का पानी भी गर्म रहता है और माना जाता है कि यहां स्नान करने से तो रोग दूर होते हैं साथ ही पापों से भी मुक्ति मिलती है।


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Ayushi Jain

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