Fri, Dec 26, 2025

भारत बायोटेक ने तैयार किया नाक के रास्ते दी जाने वाली वैक्सीन, आपातकालीन उपयोग के लिए DCGI ने दी मंजूरी

Written by:Amit Sengar
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भारत बायोटेक ने तैयार किया नाक के रास्ते दी जाने वाली वैक्सीन, आपातकालीन उपयोग के लिए DCGI ने दी मंजूरी

नई दिल्ली,डेस्क रिपोर्ट। भारतीय फार्मा कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की इंट्रानेजल वैक्सीन को 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए संक्रमण के खिलाफ प्राथमिक टीकाकरण के लिए मंगलवार को डीसीजीआई की मंजूरी मिली। इस उपलब्धि की सराहना करते हुए, स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने कहा, यह ‘कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई को बड़ा बढ़ावा’ है।

स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने इसे लेकर खुशी जताई है। उन्होंने इसे कोरोना महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई के लिए एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि COVID-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में बड़ा कदम! भारत बायोटेक की ChAd36-SARS-CoV-S COVID-19 (चिंपांज़ी एडेनोवायरस वेक्टरेड) नेजल वैक्सीन को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन द्वारा कोरोना महामारी के खिलाफ आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के लिए 18+ आयु वर्ग के लिए प्राथमिक टीकाकरण के लिए मंजूरी दे दी गई है।

उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि यह कदम महामारी के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई को और मजबूत करेगा। भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अपने विज्ञान, अनुसंधान एवं विकास और मानव संसाधनों का इस्तेमाल किया है।

गौरतलब है कि पिछले महीने अपने इंट्रानैसल कोविड -19 वैक्सीन के लिए चरण- III और बूस्टर खुराक परीक्षण पूरा करने के बाद, भारत बायोटेक ने कहा कि उसने अपने इंट्रानैसल कोविड वैक्सीन के लिए दो अलग-अलग परीक्षण किए हैं, एक प्राथमिक खुराक अनुसूची के रूप में और दूसरा बूस्टर खुराक के रूप में, विषयों के लिए। जिन्हें भारत में दो सामान्य रूप से प्रशासित कोविड टीकों के साथ दोहरा टीका लगाया गया है।

बीबीआईएल ने एक बयान में कहा कि यह नियंत्रित परीक्षणों में विषयों में सुरक्षित, सहनशील और इम्युनोजेनिक साबित हुआ है। कंपनी ने कहा कि तीसरे चरण के मानव नैदानिक ​​परीक्षणों के डेटा को राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरणों को अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया गया है।

नेजल स्प्रे वैक्सीन को इंजेक्शन की बजाय अब नाक से दिया जाता है। यह नाक के अंदरुनी हिस्सों में इम्यून तैयार करती है। इसे ज्यादा कारगर इसलिए भी माना जाता है क्योंकि कोरोना समेत हवा से फैलने वाली अधिकांश बीमारियों के संक्रमण का रूट प्रमुख रूप से नाक ही होता है और उसके अंदरूनी हिस्सों में इम्युनिटी तैयार होने से ऐसे बीमारियों को रोकने में ज्यादा असरदार साबित होती है।

नेजल वैक्सीन के फायदे
>> अब इंजेक्शन से छूटकारा
>> नाक के अंदरुनी हिस्सों में इम्यून तैयार होने से सांस से संक्रमण होने का खतरा घटेगा।
>> इंजेक्शन से छुटकारा होने के कारण हेल्थवर्कर्स को ट्रेनिंग की जरूरत नहीं।
>> बच्चों का टीकाकरण करना आसान होगा।
>> उत्पादन आसान होने से दुनियाभर में डिमांड के अनुरूप उत्पादन और सप्लाई संभव।