नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश सरकार (State government) ने सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों (Retired Employees) को बड़ी राहत दी है। दरअसल पुरानी पेंशन योजना (Old pension scheme) को फिर से लागू कर दिया गया है। इस योजना के लागू होने का फायदा लाखों कर्मचारियों (employees) को मिलेगा। इस बात की घोषणा मुख्यमंत्री ने बजट भाषण (Budget session) में की है। होली से पहले राजस्थान सरकार (rajasthan government) ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है।
पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के साथ ही राजस्थान इसे लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण में कर्मचारी और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित रखने की दृष्टि से बड़ा फैसला लिया था। जिसे घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि 1 जनवरी 2004 है। उसके बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने का प्रस्ताव मान्य किया गया है।
देश भर में पश्चिम बंगाल को छोड़कर बाकी सभी राज्य में नई पेंशन योजना को लागू किया गया 1 जनवरी 2004 और उसके बाद सेवा में आए सभी कर्मचारियों को नई पेंशन योजना के तहत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। यह सुविधा सशस्त्र बल को छोड़कर बाकी सभी विभागों पर लागू है। नई पेंशन योजना को लेकर सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बीच हमेशा विरोध रहा है। कर्मचारी द्वारा पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग लगातार की जा रही है। अन्य राज्यों में भी यह मांगे लगातार उठाई जा रही है। मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को लेकर एक बार फिर से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व मंत्री पुरानी पेंशन योजना की तरफदारी कर चुके हैं।
बता दे कि नई पेंशन योजना कंट्रीब्यूशन मैकेनिज्म के आधार पर काम करती है जबकि पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को पहले से तय किए गए। फार्मूले के आधार पर पेंशन उपलब्ध कराए जाते हैं। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का आधा पेंशन के रूप में दिया जाता है। इसके साथ ही पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को दो बार महंगाई राहत में वृद्धि का लाभ दिया जाता है।
जाने कैसे काम करती है नई पेंशन योजना
नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों के योगदान पर उन्हें पेंशन उपलब्ध कराई जाती है। कर्मचारी मूल वेतन महंगाई भत्ते के 10% जमा करते हैं। जिसके बाद केंद्र द्वारा इतनी ही राशि कर्मचारियों को दी जाती है लेकिन अब मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 10% को बढ़ाकर 14% किया गया है। हालांकि राज्य सरकार द्वारा नियुक्त के योगदान को 10% रखा गया था। जिसके बाद अब इस साल के बजट में राज्य सरकार ने कर्मचारियों के एनपीएस खाते में उतर के योगदान की सीमा को 10% से बढ़ाकर 14% किया है। इस मामले में राज्य सरकार का मानना है कि कर्मचारी को सामाजिक सुरक्षा फायदा उपलब्ध होगी इसके साथ ही उन्हें केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबरी में मदद मिलेगी।