Teacher Employees Honorarium Hike : उत्तर प्रदेश के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। शिक्षा मित्रों के मानदेय में वृद्धि पर नया अपडेट सामने आया है । राज्य सरकार ने शिक्षा मित्रों के मानदेय में वृद्धि करने से इंकार कर दिया है यानि अब शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापकों के समान वेतन नही मिलेगा। जबकी कई दिनों से कयास लगाए जा रहे थे कि यूपी की योगी सरकार शिक्षा मित्रों के मानदेय में 2550 रुपए की वृद्धि कर सकती है, ऐसे में राज्य के 1.48 लाख शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है।
दरअसल, लंबे समय से शिक्षक मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे है, इसको लेकर वे सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात कर चुके है और सीएम द्वारा मानदेय में वृद्धि का भी आश्वासन दिया था। इसके बाद खबर आई थी कि सीएम के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है और जल्द प्रस्ताव बनाकर अनुपूरक बजट में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री को इसे भेजा जा सकता है और फिर अनुमति के बाद बजट में शामिल कराया जाएगा और मानदेय में 25 प्रतिशत वृद्धि हो सकती है, लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि फिलहाल ऐसा कोई प्लान या योजना नहीं है।
मानदेय बढ़ाने की योजना नहीं
हाल ही में यूपी विधान परिषद में सपा सदस्यों ने जब शिक्षा मित्रों के मानदेय को लेकर सवाल किया तो बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि उन्हें सहायक अध्यापकों के समान वेतन नहीं दिया जा सकता क्योंकि उनकी भर्ती प्रक्रिया, सेवा शर्तें और शैक्षिक योग्यता सभी अलग-अलग हैं।मंत्री ने कहा कि शिक्षा मित्रों का वेतन बढ़ाने की तत्काल कोई योजना नहीं है।बता दे कि पिछली बार शिक्षकों का मानदेय अगस्त 2017 में बढाया गया है, तब इसे 3500 से बढ़ाकर 10 हजार रुपये किया गया था।सपा विधायक डॉ. पल्लवी पटेल ने भी सवाल किया था कि बढ़ती महंगाई के कारण प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने व नियमित करने पर सरकार विचार करेगी। इस पर मंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने या नियमित करने पर विचार नहीं कर रही है।
सरकार का जवाब- दोनों की भर्ती प्रक्रिया, सेवा शर्तें और योग्यता अलग
सपा सदस्य मान सिंह यादव ने पूछा कि क्या शिक्षामित्र और सहायक अध्यापक भी यही काम करते हैं। यदि हां, तो उन्हें समान वेतन क्यों नहीं मिलता। इस पर संदीप सिंह ने जवाब दिया कि कैसे दोनों पदों की नियुक्ति प्रक्रिया, योग्यता, सेवा शर्तें अलग-अलग थीं, जिसके कारण उनकी तुलना नहीं की जा सकी। भाजपा सरकार ने शिक्षा मित्रों का वेतन 3500 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया है और 15,240 शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्त किया है, जो सहायक शिक्षक की नौकरी के लिए मानदंड और योग्यता पूरी करते थे।





