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Wed, Dec 17, 2025

जगन मोहन रेड्डी का नाम 3500 करोड़ के शराब घोटाले की चार्जशीट में, आंध्र प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज

Written by:Mini Pandey
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चार्जशीट में कहा गया कि राजशेखर रेड्डी ने आंध्र प्रदेश स्टेट बेवरेजेस कॉरपोरेशन लिमिटेड में वफादार अधिकारियों को नियुक्त किया और शेल डिस्टिलरीज के जरिए रिश्वत की रकम जगन तक पहुंचाई।
जगन मोहन रेड्डी का नाम 3500 करोड़ के शराब घोटाले की चार्जशीट में, आंध्र प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज

आंध्र प्रदेश पुलिस ने 3500 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में बड़ा कदम उठाते हुए 305 पेज की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी का नाम मासिक रिश्वत के प्राप्तकर्ताओं में शामिल है। चार्जशीट के अनुसार, 2019-24 के वाईएसआरसीपी शासन के दौरान हर महीने 50-60 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई। हालांकि, जगन मोहन रेड्डी को इस दस्तावेज में आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया है और स्थानीय अदालत ने अभी तक इस चार्जशीट का संज्ञान नहीं लिया है। पुलिस का दावा है कि केसिरेड्डी राजशेखर रेड्डी, जिन्हें इस घोटाले का मास्टरमाइंड बताया गया है, ने शराब नीति में हेरफेर कर और स्वचालित ऑर्डर फॉर सप्लाई सिस्टम को मैनुअल करने के जरिए यह रिश्वत प्रणाली संचालित की।

चार्जशीट में कहा गया कि राजशेखर रेड्डी ने आंध्र प्रदेश स्टेट बेवरेजेस कॉरपोरेशन लिमिटेड में वफादार अधिकारियों को नियुक्त किया और शेल डिस्टिलरीज के जरिए रिश्वत की रकम जगन तक पहुंचाई। इसके अलावा, 250-300 करोड़ रुपये नकद राशि वाईएसआरसीपी के चुनावी अभियान के लिए जुटाई गई, जिसमें पूर्व विधायक चेविरेड्डी भास्कर रेड्डी भी शामिल थे। यह रकम कथित तौर पर 30 से अधिक शेल कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग कर दुबई और अफ्रीका में जमीन, सोना और अन्य लग्जरी संपत्तियों की खरीद में इस्तेमाल की गई। पुलिस का आरोप है कि वाईएसआरसीपी सरकार की शराब नीति को शराब वितरण पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करने के लिए डिजाइन किया गया था, जिससे भारी कमीशन वसूला जा सके।

कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार

शनिवार को विशेष जांच दल (SIT) ने पीवी मिधुन रेड्डी को कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया। मई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच शुरू की थी। चार्जशीट में 2019 में हैदराबाद के होटल पार्क हयात में हुई एक बैठक का जिक्र ह, जहां सज्जला श्रीधर रेड्डी ने डिस्टिलरी मालिकों को मैनुअल ओएफएस सिस्टम के साथ सहयोग करने और रिश्वत देने के लिए दबाव डाला। मालिकों को धमकी दी गई कि असहयोग करने पर उनके ऑर्डर जारी नहीं किए जाएंगे, जिसे चार्जशीट में उगाही का मामला बताया गया है।

राजनीति से प्रेरित कार्रवाई का दावा 

पुलिस के अनुसार, रिश्वत की दर शुरू में आधार मूल्य का 12% थी जिसे बाद में बढ़ाकर 20% कर दिया गया। इस बीच, वाईएसआरसीपी के कई नेताओं ने मिधुन रेड्डी की गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसकी निंदा की है। पूर्व मंत्रियों बोत्चा सत्यनारायण, पेर्नी वेंकटरमैया, अंबाती रामबाबू, मेरुगु नागार्जुन और पार्टी महासचिव जी श्रीकांत रेड्डी ने बयान जारी कर आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रहे हैं।