UP Government Employees : उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों के बड़ी खबर है। अब कर्मचारी सामान्य भविष्य निधि जीपीएफ खाते में पांच लाख रुपये सालाना से ज्यादा जमा नहीं करा सकेंगे । खबर है कि इसके लिए यूपी की योगी सरकार सामान्य भविष्य निधि नियमावली में संशोधन करने जा रही है। यूपी शासन ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे जल्द ही कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। यहां से हरी झंडी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।
केन्द्र ने तय की सीमा
दरअसल, केंद्र सरकार ने पहले ही जीपीएफ में पैसा जमा कराने की अधिकतम सीमा तय कर दी है। इसके तहत कोई भी केंद्रीय कर्मचारी 5 लाख रुपये से ज्यादा की राशि एक साल में जीपीएफ खाते में जमा नहीं कर सकता है। अब यूपी सरकार इस नियम में संशोधन करने जा रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने सामान्य भविष्य निधि नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर लिया है, इसे जल्द ही प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा। इसका मुख्य कारण आयकर संबंधी नियमों में बदलाव होना है।
जानें क्या है कारण
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्तमान में राज्य में करीब 7 लाख सरकारी कार्मिक जीपीएफ स्कीम के दायरे में हैं। 2022 मार्च तक GPF में जमा राशि आयकर विभाग के टैक्स के दायरे में नहीं आती थी लेकिन 1 अप्रैल 2022 से नए नियम लागू किए गए है, इसके तहत एक वित्त वर्ष में जीपीएफ में 5 लाख से अधिक जमा राशि टैक्स के दायरे में होगी।चुंकी 1 अप्रैल 2005 से पहले नियुक्त कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू है, ऐसे में इनके मूल वेतन का न्यूनतम 10 प्रतिशत हर माह जीपीएफ खाते में जमा करना अनिवार्य है। जबकि, अधिकतम की कोई सीमा नहीं लगाई गई है।