Old Pension Scheme 2023 : उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक बार फिर कर्मचारियों के हित में अहम फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने एक अप्रैल 2005 के पहले चयनित लेखपालों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी है और राज्य सरकार को लेखपालों को पुरानी पेंशन का लाभ देने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए याचियों को पुरानी पेंशन का हकदार मानते हुए राज्य सरकार को पुरानी पेंशन का लाभ प्रदान करने का आदेश दिया।
अप्रैल 2004 से पहले चयनित कर्मचारी ओपीएस के हकदार
दरअसल, लेखपाल लेखपाल संघ व अन्य की ओर से याचिका दाखिल की गई थी कि उनका सेलेक्शन 2005 से पहले हुआ है, ऐसे में उन्हें भी पुरानी पेंशन का लाभ मिलना चाहिए। जिसपर सरकार की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने दलील दी कि सेलेक्शन 2005 के बाद हुआ।राज्य सरकार की ओर अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी ने दलील दी कि याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति 1 अप्रैल, 2005 या उसके बाद हुई है, इसलिए पुरानी पेंशन योजना इन पर लागू नहीं होती। वहीं, याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि उनका चयन एवं प्रशिक्षण सत्र 2003-04 में हुआ था और प्रशिक्षण पूरा अगस्त 2004 में हो गया था लेकिन राज्य सरकार के चलते नियुक्ति में हुई। अगर प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सरकार की ओर से नियुक्ति में देरी न हुई होती तो याची पुरानी पेंशन के लिए निर्धारित अवधि के दायरे में होते।
सरकार को दिए ओपीएस के लाभ देने के आदेश
इस दौरान याचिकाकर्ताओं ने नई पेंशन योजना के तहत वेतन से हो रही कटौती को ओपीएस के अंतर्गत जीपीएफ में समायोजित करने की भी मांग की है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए एक अप्रैल 2005 के पहले चयनित लेखपालों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का आदेश दिया और उन्हें ओपीएस का हकदार मानते हुए राज्य सरकार को पुरानी पेंशन का लाभ प्रदान करने का भी आदेश दिया।।कोर्ट ने 1999 से 2000 की भर्ती में वर्ष 2003-2004 में चयनित लेखपालों को लेकर यह आदेश दिया है। यह फैसला न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव की एकल खंडपीठ ने लेखपाल संघ व अन्य की ओर से दाखिल याचिका को स्वीकार करते हुए सुनाया है।
शिक्षकों को भी जागी ओपीएस की उम्मीद
दूसरी तरफ बेसिक शिक्षा विभाग ने 1 अप्रैल, 2005 या उसके बाद नियुक्त उन कार्मिकों का ब्योरा मांगा है, जिनकी नियुक्ति के लिए विज्ञापन 1 अप्रैल, 2005 के पहले प्रकाशित हुआ था, ऐसे में शिक्षकों व कर्मचारियों में उम्मीद जगी है कि केंद्र की भांति उन्हें भी पुरानी पेंशन का विकल्प मिलेगा। संयुक्त शिक्षा निदेशक गणेश कुमार ने सभी बीएसए को इस संबंध में पत्र भेजा है। हालांकि, उन्होंने विशिष्ट बीटीसी 2004 में नियुक्त अभ्यर्थियों को न शामिल करने की बात कही है।