कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि संभव, 62 से बढ़कर होंगे 65 वर्ष! युवाओं-जूनियर शिक्षकों की बड़ी मांग, ऐसे मिलेगा लाभ
शासन की घोषणा के अनुरूप कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया जा सकता है। दरअसल उनकी सेवानिवृत्ति आयु को 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने की तैयारी की जा रही है। सेवानिवृत्ति आयु 3 वर्ष की वृद्धि की घोषणा के साथ ही गैर शिक्षण कर्मचारी और अन्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा भी सेवानिवृत्ति आयु में 2 वर्ष की वृद्धि की मांग शुरू हो गई है। उनकी मांगे है कि उनकी सेवानिवृत्ति आयु को 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष किया जाए। इसी बीच लगातार सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि की मांग और राज्य शासन की घोषणा को देखते हुए सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने का विरोध शुरू हो गया है।
Employees Retirement Age Hike : देश में सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि की मांग तेज हो गई है।केंद्रीय कर्मचारी द्वारा एक तरफ जहां सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाए जाने की मांग की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ से राज्य सरकार द्वारा भी राज्य में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि की गई है। इसी बीच राज्य सरकार की घोषणा के अनुरूप कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को 3 वर्ष के लिए बढ़ाया जाना है। दरअसल इसे 62 से बढ़ाकर 65 करने की तैयारी की जा रही है। जिस पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं।
सेवानिवृत्ति आयु को 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष किए जाने की संभावना की तलाश
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा पिछले साल नवंबर में कश्मीर विश्वविद्यालय के एक समारोह में बड़ी घोषणा की गई थी। उन्होंने कहा था कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की सेवानिवृत्ति आयु को 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष किए जाने की संभावना की तलाश की जा रही है। हालांकि इस घोषणा के बाद से ही सोशल मीडिया पर शिक्षक सहित बेरोजगार युवाओं द्वारा सेवानिवृत्ति आयु बनाए जाने की घोषणा की आलोचना की जाने लगी। इसके साथ ही बहस शुरू हो गई। जम्मू कश्मीर के युवाओं का कहना है कि कश्मीर में बेरोजगारी बढ़ रही है। विश्वविद्यालय में डिग्री पूरी कर चुके युवा नौकरी की तलाश में है। ऐसे में शासन द्वारा यदि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाई जाती है तो यह युवाओं के साथ बेहद अन्याय पूर्ण व्यवहार होगा।
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शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु में 3 वर्ष की वृद्धि संभव
युवाओं का कहना है कि शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की वजह सरकार को असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों को फास्टट्रैक आधार पर भर्ती किया जाना चाहिए ताकि विश्वविद्यालय में फैकल्टी की कमी दूर हो सके। दरअसल मनोज सिन्हा ने अपने घोषणा में कहा था कि विश्वविद्यालय में फैकल्टी की कमी के कारण शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। ऐसे में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाया जाना ही विकल्प है। इसके कारण शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 3 वर्ष की वृद्धि की जानी है।
जूनियर शिक्षक-छात्रों द्वारा घोषणा का विरोध
इतना ही नहीं बेरोजगार के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए विश्वविद्यालय के जूनियर शिक्षक द्वारा भी सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि की घोषणा के खिलाफ सवाल खड़ा किया जा रहा है। शिक्षकों का कहना है कि सेवानिवृत्ति आयु को बनाए जाने का फैसला उचित नहीं है। शिक्षित युवाओं के भविष्य पर इसका असर पड़ेगा। PSC और एसएसपी द्वारा फास्टट्रैक भर्ती का का वादा किया गया था। इस वादे को पूरा किया जाना चाहिए और जम्मू कश्मीर के युवाओं को मौका दिया जाना चाहिए। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि यदि विश्वविद्यालय के शिक्षकों के मामले में सरकार निर्णय लिया जाता है तो अन्य सरकारी विभाग के कर्मचारी भी सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि की मांग करेंगे। वही इसका असर उन शिक्षित बेरोजगार युवाओं पर पड़ेगा, जो अपने ऊपरी आयु सीमा को पार करने की कगार पर खड़े हैं।
इसके साथ ही उपराज्यपाल की घोषणा पर युवाओं ने शिक्षित युवाओं के भविष्य को देखते हुए प्रशासन से बिना किसी देरी के ऐसे किसी भी कदम को रद्द करने का आग्रह किया है। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के सेवानिवृत्ति की घोषणा के बाद जम्मू विश्वविद्यालय के गैर शिक्षक कर्मचारी सदस्य और जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारियों द्वारा की सेवानिवृत्ति आयु को 60 से बढ़ाकर 62 करने की मांग शुरू कर दी गई है।
सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने के जाने का कोई निर्णय फ़िलहाल नहीं
इस मामले में लगातार हो रहे विरोध को देखते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने के जाने का कोई निर्णय नहीं लिया गया। फैसला जल्दी बाजी में नहीं लिया जा सकता है। कोई भी अंतिम फैसला लेने से पहले सरकार सभी पहलुओं पर विचार करेगी।