Employees, New pay Commission : कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। इस साल उनके लिए नया वेतन आयोग की घोषणा की जाएगी। कर्मचारी लंबे समय से नए वेतन आयोग की मांग कर रहे हैं। इसके लिए समिति का गठन किया गया था। वहीं समिति द्वारा मई महीने तक रिपोर्ट पेश करने की तैयारी की गई थी। हालांकि नए वेतन आयोग के तहत समिति की समय सीमा को बढ़ा दिया गया है।
ऐसे में कर्नाटक के कर्मचारियों को नए वेतन आयोग के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। इससे पहले 2022 के अंत में कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई नए वेतन आयोग गठित करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट 2024 में लागू की जाएगी। इसके लिए बजट भी आवंटित कर दिया गया है। वहीं अंतरिम रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद इसे लागू करने की तैयारी शुरू की जाएगी।
पैनल की समय सीमा को 6 महीने के लिए बढ़ाया गया
तब तत्कालीन बसवराज बोम्मई ने कहा था कि कर्नाटक में सातवें वेतन आयोग को तुरंत लागू करने के लिए सरकार तैयार है और आयोग से अंतरिम रिपोर्ट देने की बात कही थी। हालांकि मई महीने में समिति द्वारा अंतरिम रिपोर्ट को पेश किया जाना था। समिति को इस काम के लिए 6 महीने का समय दिया गया था। नवंबर 2022 में पैनल का गठन किया गया था वेतन के संशोधन पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 6 महीने के समय में अब एक बार फिर से विस्तार कर दिया गया है। 19 मई से पैनल की समय सीमा को 6 महीने के लिए बढ़ाया गया है। वहीं चुनाव के बाद अब कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है। कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा जल्द नए वेतन आयोग के गठन पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाएगा।
समिति का किया गया था गठन
पैनल द्वारा सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी पीबी राममूर्ति और सेवानिवृत कर्नाटक राज्य लेखा परीक्षा और लेखा विभाग के प्रमुख निदेशक वन्हल्ली को सदस्य नियुक्त किया गया है जबकि आईएएस अधिकारी रानी कुर्लापति को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है। इससे पहले तत्कालीन सरकार द्वारा पूर्व मुख्य सचिव के सुधाकरराव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया था।
12000 से 18000 करोड रुपए का वित्तीय बोझ बढ़ेगा
बता दे समिति कर्मचारियों के वेतन वृद्धि समेत उनके भत्ते और अन्य मांगों पर विशेष ध्यान देगी। साथ ही उनके पेंशन पर भी समिति द्वारा महत्वपूर्ण रिपोर्ट सौंपी जानी है। सातवें वेतन आयोग के लागू होने के पहले साल में ही सरकारी कर्मचारियों के वेतन भुगतान से 12000 से 18000 करोड रुपए का वित्तीय बोझ बढ़ेगा।
वेतन-पेंशन-DA की दरें होगी संशोधित
वह राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने सहित पुरानी पेंशन योजना को वापस करने और कम से कम 40% फिटमेंट सुविधाओं को लागू करने सहित तीन प्रमुख मांगे भी रखी गई थी। इस संबंध में 500000 से अधिक कर्मचारियों ने मांगे पूरी नहीं होने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी। तत्कालीन सरकार द्वारा कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की चेतावनी के बाद उनके वेतन में भी 17% का इजाफा किया गया था। अब माना जा रहा है कि जल्द ही उनके वेतन वृद्धि देखी जाएगी। भते सहित पेंशन की राशि में बड़ा इजाफा होगा। साथ ही नए वेतन आयोग को गठित किया जाएगा। ऐसे में कर्मचारियों की सैलरी में ₹20000 तक का इजाफा देखने को मिल सकता है।