नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। आगामी चुनावों से पहले अपनी मांगों को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने राज्य सरकारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एक तरफ झारखंड में 2019 में हुए समझौते के अनुसार पे ग्रेड की मांग को लेकर राजस्व उप निरीक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है, जिसके चलते काम प्रभावित हो सकता है। वही दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ वन विभाग के कर्मचारी ग्रेड पे, छुट्टी और वेतन की मांग को लेकर आंदोलनरत है।हालांकि अभी तक दोनों सरकारों की तरफ से कोई अपडेट नहीं आया है।
झारखंड राज्य राजस्व उप निरीक्षक संघ ने 11 सूत्री मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और अनिश्चितकालीन हड़ताल करते हुए समाहरणालय के समक्ष धरने पर बैठ गए है। इसमें कर्मचारियों द्वारा राजस्व उप निरीक्षकों को ग्रेड पे 2400 रुपए एवं तीन वर्षों के उपरांत 2800 रुपए करने, उक्त समझौते के अनुसार अंचल निरीक्षक के पद पर सीधी बहाली पर रोक लगाते हुए 50 प्रतिशत पदों पर वरीयता एवं शेष 50 प्रतिशत पदों पर सीमित प्रतियोगिता के आधार पर प्रोन्नति देने, प्रतियोगिता परीक्षा प्रति वर्ष आयोजित करने की मांग की गई है।
इसके अलावा प्रोन्नति के लिए ली जाने वाली प्रतियोगिता परीक्षा में राजस्व उप निरीक्षकों के कार्यानुभव 10 वर्ष के स्थान पर 05 वर्ष करने, सभी राजस्व उप निरीक्षकों को लैपटॉप एवं इंटरनेट की सुविधा व खर्च देने, हल्का इकाई का पुनर्गठन करने, सभी राजस्व उप निरीक्षकों को समझौते के अनुसार त्वरित कार्य निष्पादन के लिए दोपहिया वाहन व ईंधन खर्च उपलब्ध कराने आदि मांग शामिल है।
वही ग्रेड पे की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश के वन विभाग के सरकारी कर्मचारियों ने भी यूपी सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया है। वनकर्मी सोमवार को सरकार के विरोध में गांधीनगर पहुंचे और सत्याग्रह शिविर में विभिन्न पोस्टर और बैनर के साथ विरोध किया। उन्होंने वन रक्षक वर्ग 3 के कर्मचारियों को 1800 ग्रेड वेतन और चतुर्थ श्रेणी के स्थायी दैनिक कर्मचारियों को 1900 ग्रेड वेतन दिया जाता है, उन्होंने वन रक्षक को 2,800 रुपये और वनपाल को 4,200 रुपये ग्रेड पे की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने छुट्टी, वेतन और अन्य भत्तों की भी मांग की।वन विभाग के कर्मचारियों के विरोध के बाद पुलिस की कड़ी तैनाती की गई।