UP Old Pension Scheme 2023 : राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू होने के बाद अब देशभर में ओपीएस की मांग ने जोर पकड़ रखा है। आगामी चुनाव से पहले एक तरफ केन्द्रीय कर्मचारी पुरानी पेंशन की मांग लेकर केन्द्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। वही दूसरी तरफ यूपी के सरकारी कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने से साफ इंकार कर दिया है।
वित्त मंत्री बोले- नही होगी ओपीएस बहाल
दरअसल, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने OPS न बहाल करने से मना कर दिया है। समाजवादी पार्टी के कई विधायकों द्वारा राज्य विधानसभा में पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर सवाल उठाए जाने पर प्रदेश सरकार ने कहा की नई पेंशन में कर्मचारियों को ज्यादा फायदा है, ऐसे में OPS करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है।सपा विधायक अनिल प्रधान के सवाल के जवाब में प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना कहा कि सरकार का पेंशन की चालू व्यवस्था को बदलने का कोई इरादा नहीं है। नई पेंशन में OPS से ज्यादा लाभ हैं, इसलिए OPS बहाल नहीं होगी।
2005 से लागू है एनपीएस
एनपीएस की खूबियां बताते हुए वित्त मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि यूपी में 1 अप्रैल 2005 से नई पेंशन योजना (एनपीएस) लागू है। कर्मचारियों की पेंशन राशि का 25 % सरकार के पास सुरक्षित है और 15% जिम्मेदार संस्थाओं के पास है। यूपी में 5.59 लाख कर्मचारी और 3.36 लाख शिक्षक NPS के तहत पंजीकृत हैं।इस पर सपा के लालजी वर्मा ने पूछा कि कर्मचारियों के हिस्से का पैसा कहां जा रहा है? इस पर वित्त मंत्री ने बताया कि 85 फीसदी पैसा सरकार की सुरक्षा में हैं जबकि 15 फीसदी पैसा एसआईबी और एलआईसी जैसी संस्थाओं में लगाया गया है।
5 राज्यों में लागू तो यूपी में क्यों नही- सपा
सपा सदस्य पंकज मलिक ने कहा कि CM ने भी पहले पुरानी पेंशन बहाली की सिफारिश की थी। पांच राज्यों में OPS बहाल हो चुकी है, तो यूपी में क्यों नहीं? वित्त मंत्री ने कहा कि NPS में कर्मचारी नेताओं ने 8% ब्याज मांगा था, लेकिन उन्हें 9% से ज्यादा ब्याज मिल रहा है। जब NPS व्यवस्था लागू हुई थी, तब त्रिपुरा ने इसे लागू नहीं किया था, लेकिन अब उसने भी एसपीएस लागू कर दी है। सरकार कर्मचारियों के लिए कुल राजस्व का 59% पैसा हम उनके वेतन और पेंशन पर खर्च करते हैं।