झारखंड, डेस्क रिपोर्ट। कोल के सेवानिवृत्त कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए काम की खबर है। कोयलाकर्मियों की पेंशन बंद नहीं होगी। वही पेंशन धारकों को दिया जायेगा नया पीपीओ दिया जाएगा। खास बात ये है कि इसमें पति पत्नी दोनों का नाम शामिल होगा और पेंशन की राशि भी दी जाएगी। वही कोयला मंत्रालय की स्वीकृति के बाद न्यूनतम पेंशन 1000 की जा सकती है, जल्द इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा।
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दरअसल, सोमवार को नागपुर में कोयला खान भविष्यनिधि संगठन (सीएमपीएफओ) की बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (बीओटी) की 176वीं मीटिंग हुई, जिसमें कोयला सचिव अनिल कुमार जैन ने कहा कि कोयलाकर्मियों की पेंशन बंद नहीं होगी, इसके लिए जरूरत के मुताबिक पैसा उपलब्ध कराया जायेगा।वही अब कोयला कंपनियाें को पेंशन फंड में 10 रुपये प्रति टन की बजाय 15 रुपए प्रति टन के हिसाब से पैसे देने होंगे, इसके लिए स्कीम में बदलाव होगा।
इसके साथ ही पेंशन धारकों को नया पीपीओ दिया जायेगा, जिसमें पति और पत्नी दोनों के नाम दर्ज होंगे और पेंशन राशि भी लिखी होगी। यह फैसला विधवा पेंशन में आ रही परेशानियों को देखते हुए लिया गया है।इसके अलावा बैठक में बताया गया कि अगर केंद्र सरकार EPFO की तरह 15000 पर सहयोग राशि दे, तो कोल कर्मचारियों को न्यूनतम 1000 पेंशन दी जा सकती है। इस फैसले से कोल माइंस प्राविडेंट फंड में सालाना 73 करोड़ रूपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा,हालांकि इसकी व्यवस्था कंपनी सीएमपीएफ को अलग से करना होगा। अभी 126561 कोल कर्मियों को 1000 रुपये से कम पेंशन मिल रही है। अगर सहमति बनती है तो 1 लाख 26 हजार पेंशनरों को इसका फायदा होगा।
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बता दे कि कोयला खान पेंशन योजना 1998 (सीएमपीएफ) के तहत वर्तमान में कोल इंडिया के करीब 5.50 लाख सेवानिवृत अधिकारी व कर्मचारियों को पेंशन दी जा रही है। । पुरानी पेंशन निर्धारण के चलते 20 साल पहले रिटायर हुए कर्मचारियों को 500 से 1000 पेंशन दी जा रही है,इसमें साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के 55000 पेंशनर्स शामिल है लेकिन हाल ही में रिटायर हो रहे कर्मचारियों को 15 से 65000 तक पेंशन राशि दी जा रही है। अगर पेंशन में वृद्धि नही हुई तो पेंशनरों को 500 से 700 पेंशन के साथ पर कम से कम एक हजार रूपये देने प्रदान करने पर सहमति बन सकती है।