Employee Retirement age hike: राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू होने से पहले हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने एक और मांग रख दी है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की मांग है कि उनका सेवाकाल 60 वर्ष हो। इस संबंध में वे आज मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सकते है।बता दे कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने का भी वादा किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हिमाचल प्रदेश चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का सेवाकाल 58 से 60 साल किए जाने की मांग उठाई है। इसको लेकर आज शुक्रवार को प्रदेश अध्यक्ष मक्खन लाल ठाकुर की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग गैर शिक्षक वर्ग चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल तपोवन धर्मशाला में अपनी जायज लंबित मांगों को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलेगा। शिक्षा विभाग में 15000 से भी अधिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्यरत हैं।
हटाई जाए ये शर्त
संघ का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना की तरह ही विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवा अवधि 58 वर्ष से 60 वर्ष करने का वादा किया था। इसके लिए 10 मई 2001 की शर्त को तुरंत वापस लिया जाए और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवाकाल आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष की जाए। संघ ने उम्मीद जताई है कि नवनिर्वाचित सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार अपने वादे को जल्द पूरा कर प्रदेश के हजारों कर्मचारियों को राहत प्रदान करेगी।
ये भी मांगे शामिल
इसके अलावा शिक्षा विभाग में प्रयोगशाला में खाली पड़े हजारों पदों को वन टाइम रिलेक्सेशन देकर एकमुश्त भरा जाए।वही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का पदोन्नति कोटा लिपिक के पद के लिए दिया जाता था, उसे JOA के लिए खत्म कर दिया गया है। JOA के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदोन्नति कोटे को तुरंत बहाल किया जाए। कोटा बढ़ाकर 20 फीसदी किया जाए।इस संबंध में आज कर्मचारी सीएम से मुलाकात करेंगे।