नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। 8th Pay Commission. केन्द्रीय कर्मचारियों-पेंशनरों (Central Employees DA Hike) के लिए काम की खबर है। एक तरफ कर्मचारियों का जुलाई में 4 प्रतिशत तक फिर महंगाई भत्ता बढ़ने की अटकलें लगाई जा रही है वही दूसरी तरफ 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) पर बड़ी अपडेट सामने आई है। ताजा मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 7वें वेतन आयोग के बाद अब 8वां वेतन आयोग नहीं आएगा। केन्द्र सरकार इसे 7वें वेतन आयोग तक ही खत्म कर नए फॉर्मूले से कर्मचारियों की सैलरी देने की तैयारी कर रही है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केन्द्रीय कर्मचारियों को 1 अप्रैल 2022 से 7वें वेतन आयोग के तहत सैलरी का लाभ मिल रहा है। वर्तमान में केन्द्रीय कर्मचारियों को 34% मंहगाई भत्ता मिल रहा है, जो जनवरी 2022 से प्रभावी है और जुलाई में एक बार फिर डीए बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन केंद्र जल्द ही वेतन आयोग खत्म करने पर विचार कर रही है, ऐसे में 7वें वेतन आयोग के बाद अब 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के आने की उम्मीद कम है।हालांकि इस पर अभी तक सरकार की तरफ से कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, इसके बदले केंद्र सरकार निजी कंपनियों के तहत सरकारी कर्मचारियों की परफॉर्मेंस के आधार पर वेतन वृद्धि की तैयारी में है, इसके लिए जल्द नए प्लान लाया जा सकता है,इसका प्रस्ताव तैयार करने पर विचार विमर्श चल रहा है।पे लेवल मैट्रिक्स 1 से 5 वाले केंद्रीय कर्मचारी को उनकी कम से कम सैलरी 21 हजार के बीच हो सकती है। वही वेतनमान को खत्म कर साल 2024 में नए फॉर्मूला लागू किया जा सकता है।अगर ऐसा होता है तो अलग अलग लेवल के हिसाब से कर्मचारियों की सैलरी बढ़ेगी।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिवंगत पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016 के संसद में दिए अपने एक भाषण ने इस बात के संकेत दिए थे कि सरकार को वेतन आयोग से आगे कर्मचारियों की सैलरी को लेकर विचार करना चाहिए, ऐसे में सुत्रों की मानें तो मोदी सरकार अब नया वेतन आयोग लाने की बजाए नए फॉर्मूले पर विचार कर रही है।मोदी सरकार ऐसी योजना बनाने का प्रयास कर रही है जिसमें 50% DA होने पर वेतन में ऑटोमेटिकली इजाफा हो जाए, इसे ‘ऑटोमेटिक पे रिविजन’ का नाम दिया जा सकता है, हालांकि सरकार की तरफ से कोई अधिकारिक पुष्टि नही की गई है, केंद्र सरकार के पास फिलहाल 68 लाख कर्मचारी और 52 लाख पेंशनभोगी हैं।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में इजाफे के लिए Aykroyd फॉर्मूले की चर्चा है, इसके तहत कर्मचारियों की सैलरी को महंगाई, कॉस्ट ऑफ लिविंग और कर्मचारी की परफॉर्मेंस से जोड़ा जाएगा और इनके आंकलन के बाद सैलरी तय होगी। 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की अपनी सिफारिश में जस्टिस माथुर ने कहा था कि हम पे स्ट्रक्चर को Aykroyd फॉर्मूले के तहत तय करना चाहते हैं, इसमें कॉस्ट ऑफ लिविंग को भी ध्यान में रखा जाता है। यह फॉर्मूला वॉलेस रुडेल आयकरॉयड ने दिया था, जिनका मानना था कि आम आदमी के लिए भोजन और कपड़ा जरूरी चीजें है इनकी कीमतों के बढ़ने के साथ ही कर्मचारियों की सैलरी में भी इजाफा होना चाहिए।