हाई कोर्ट ने दी कर्मचारियों को बड़ी राहत, नियुक्ति की तिथि से मिलेगा वेतन का लाभ, राज्य सरकार को दिया 3 महीने का समय

Pooja Khodani
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Government Employees Salary-Allowance :  पंजाब के सरकारी सरकारी को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट हाईकोर्ट ने एक बार फिर बड़ी राहत दी है।हाई कोर्ट ने कर्मचारियों को नियुक्ति की तिथि से वेतन का भुगतान करने के आदेश दिए है। इसके लिए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 3 महीने का समय दिया है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार के उस आदेश को गलत करार दिया है जिसमें 3 साल की प्राबेशन अवधि के लिए कर्मचारियों को केवल मूल वेतन के लिए पात्र माना गया था।

ये था पंजाब सरकार का फैसला

दरअसल, पंजाब सरकार ने नव नियुक्त कर्मचारियों को तीन वर्ष तक प्रोबेशन पर रखने का निर्णय लिया था, इस दौरान उन्हें केवल मूल वेतन देने का प्रावधान किया गया था और डीए, स्पेशल पे, इंक्रीमेंट व अन्य लाभ से भी कर्मियों को वंचित रखा जाता था। इसमें 3 साल के बाद स्थाई नियुक्ति की तिथि से सेवा की गणना की जाती थी और इन तीन वर्ष की अवधि को वेतन की गणना में नहीं जोड़ा जाता था।इसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुंचा और करीब 100 से ज्यादा याचिकाए दायर की गई।

3 महीने के अंदर वेतन भुगतान के आदेश

इस मामले पर हाई कोर्ट ने सुनवाई की औरकर्मचारियों को राहत देते हुए राज्य सरकार को उन कर्मचारियों को काटी गई राशि का भुगतान तीन माह में करने का आदेश दिया है, जिनके वेतन से भत्ते की कटौती की गई थी। हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार में प्रोबेशन नियम के तहत सेवा दे चुके कर्मचारियों को काटे गए भत्ते के लाभ का पात्र माना है और पंजाब सरकार को आदेश दिया है कि इन कर्मचारियों को इनके काटे गए भत्ते का तीन माह के भीतर पंजाब सरकार को भुगतान करना होगा।

कर्मचारियों को लाभ से वंचित नहीं रख सकते

हाईकोर्ट ने 102 याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि इस नोटिफिकेशन को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। पंजाब सरकार उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दे चुकी है और राजस्थान सरकार भी SLP के माध्यम से ऐसे ही आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील लेकर जा चुकी है। राजस्थान सरकार व पंजाब सरकार दोनों ही राज्यों की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट नोटिस जारी कर चुका है लेकिन किसी भी मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगाई है, ऐसे में कर्मचारियों को उनके लाभ से वंचित नहीं रखा जा सकता है। साथ कोर्ट ने माना की नियुक्ति की तिथि से ही कर्मचारी की सेवा आरंभ करने की तिथि माना जाना चाहिए।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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