मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल ही में उत्तर रेलवे महाप्रबंधक आशुतोष गंगल और नार्दर्न रेलवे मैंस यूनियन के प्रतिनिधियों की बड़ौदा हाउस में बैठक हुई थी, जिसमें कहा गया था कि परिचालन व वाणिज्य विभाग के कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने पर किसी एक मद भुगतान रोक किया जाता है और कर्मचारियों से कहा जाता है कि उत्तर रेलवे मुख्यालय से लेखा विभाग से अनापत्ति पत्र आने के बाद रोकी गई राशि का भुगतान कर किया जाएगा।
बैठक में यूनियन द्वारा यह भी बताया गया कि यह राशि 50000 से 2 लाख रुपये तक होती है,ऐसे में अधिकांश सेवानिवृत कर्मचारियों का पांच साल बाद अनापत्ति पत्र आता है, जिसके चलते भुगतान अटक रहता है और अगर यह जल्दी भी आ जाता है तो डीआरएम ऑफिस के चक्कर लगाने पडते है। इन बातों पर विचार करने के बाद महाप्रबंधक ने बिना अनापत्ति पत्र के भी भुगतान करने पर सहमति जताई।
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महाप्रबंधक आशुतोष गंगल के निर्देश के बाद उत्तर रेलवे मुख्यालय ने कर्मचारियों को राहत देते हुए आदेश भी जारी कर दिया है कि रिटायर होने वाले कर्मचारियों का पैसा अनापत्ति पत्र के नाम पर नहीं रोका जाएगा, केवल 50000 रुपये रोका जाएगा।इसके बाद भी अगर 4 माह के अंदर अनापत्ति पत्र नहीं मिलता है तो रेलवे प्रशासन तत्काल रोकी गई राशि का भुगतान कर देगा।