Congress national spokesperson Rohan Gupta resigned : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस को आज एक बड़ा झटका लगा है, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहन गुप्ता ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे इस्तीफे में उन्होंने इसके लिए पार्टी के कम्युनिकेशन विभाग के एक नेता पर गंभीर आरोप लगाये हैं, रोहन गुप्ता ने लिखा ये वामपंथी विचारों वाला नेता मुझे पिछले दो वर्षों से मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है और मेरा चरित्र हनन कर रहा है।
रोहन गुप्ता ने अपने इस्तीफे को सोशल मीडिया एकाउंट X पर भी साझा किया, उन्होंने लिखा – मैं पिछले तीन दिनों से अपने पिता (राजकुमार गुप्ता) के साथ था उन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, इस दौरान उन्होंने पिछले 40 वर्षों में विश्वासघात और तोड़फोड़ की घटनाओं का वर्णन किया और बताया कि कैसे नेता अपने बुरे कामों के बावजूद बच निकले। मैंने मेरे पिता के आंसुओं में उसके घाव महसूस किये।
रोहन गुप्ता ने लिखा , मेरे पिता नहीं चाहते, मैं भी उनकी तरह कीमत चुकाऊं
उनकी बात के दौरान मुझे समझ आया कि मैं भी उतनी ही कीमत चुकाऊं, क्योंकि पिछले दो वर्षों में मैं जिस मानसिक आघात से गुजरा हूँ, उसे पूरे परिवार ने देखा है, जो संचार विभाग से जुड़े वरिष्ठ नेता के कारण हुआ था। मेरे पिता मेरे साथ वही सब घटित होने की कल्पना कर सकते थे जो मैं नहीं कर सकता था। हम दोनों योद्धा हैं और पिछले 40 वर्षों से अपनी-अपनी भूमिका में पार्टी के लिए विभिन्न लड़ाइयां सफलतापूर्वक लड़ी हैं।
लोकसभा उम्मीदवारी वापस करना जीवन का सबसे कठिन निर्णय
रोहन ने लिखा- मैंने अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का अपने जीवन का सबसे कठिन निर्णय लिया। अब मैं संचार विभाग से जुड़े नेता द्वारा लगातार अपमान और चरित्र हनन के कारण पिछले 15 वर्षों तक पार्टी की सेवा करने के बाद पार्टी छोड़ने का एक और सबसे कठिन निर्णय ले रहा हूं।
मुझे एक नेता पिछले दो साल से प्रताड़ित कर रहा है चरित्र हनन कर रहा है
जिस व्यक्ति ने पिछले दो वर्षों से मुझे अपमानित किया है, जो व्यक्ति पिछले तीन दिनों से ऐसा करने से नहीं हट रहा है, मुझे यकीन है कि वह भविष्य में भी ऐसा करने से बाज नहीं आएगा और कोई भी उसे रोक नहीं पाएगा। लेकिन अब मैं अपने आत्मसम्मान पर और कोई प्रहार करने के लिए तैयार नहीं हूं।’ टूटे दिल से मैंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया है जो बहुत कठिन है लेकिन मेरे आत्मसम्मान की रक्षा के लिए जरूरी है, अब मेरी नैतिकता मुझे पार्टी में बने रहने की इजाजत नहीं देती. उसी नेता ने अपने अहंकारी और असभ्य व्यवहार से पार्टी को भी नुकसान पहुंचाया है।
Amidst the personal crisis , I spent last 3 days with my father while he is battling serious health conditions which has really helped me understand his perspective. He narrated the incidences of betrayal and sabotage for last 40 years and how the leaders got away in spite of… pic.twitter.com/b4qi5bE7SG
— Rohan Gupta (@rohanrgupta) March 22, 2024