पेंशनरों की पेंशन पर बड़ी अपडेट, हाई कोर्ट का अहम फैसला, जल्द भुगतान के आदेश, सचिव के वेतन पर रोक

Pooja Khodani
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रांची, डेस्क रिपोर्ट। झारखंड राज्य परिवहन विभाग के पेंशनरों को रांची हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। झारखंड हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए राज्य के परिवहन सचिव कमल किशोर सोन के वेतन पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि जब तक कर्मचारियों के पेंशन का भुगतान नहीं किया जाता है, तब तक उनके वेतन पर रोक रहेगी।

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दरअसल, शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में राज्य परिवहन कर्मचारियों के पेंशन भुगतान को लेकर दाखिल अवमानना मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान आदेश का अनुपालन नहीं होने पर हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई और लापरवाही बरतने पर राज्य के परिवहन सचिव केके सोन के वेतन पर रोक लगा दिया है। अदालत ने कहा कि सेवानिवृत्ति बकाया का भुगतान राज्य सरकार दान या इनाम नहीं है। जब तक कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हो जाता है, तब तक सचिव के वेतन पर रोक रहेगी।

बता दे कि बीते दिनों हाई कोर्ट ने राज्य परिवहन कर्मचारियों को उनकी पेंशन देने का निर्देश दिया था। तब परिवहन सचिव कमल किशोर ने कोर्ट को आश्वासन दिया था कि उनका भुगतान कर दिया जाएगा। लेकिन अब तक उनका भुगतान नहीं किया। इस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई और उनका वेतन रोकने का निर्देश दे दिया। हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एक योजना तैयार करने का आदेश दिया। मामले में सुनवाई 30 सितंबर को तय की गई थी।

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सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र कृष्णा ने कोर्ट को बताया कि झारखंड राज्य बनने के बाद परिवहन विभाग के कैडर का बंटवारा हुआ तो कई लोग बिहार से झारखंड राज्य में आ गए, उनकी सेवा परिवहन विभाग में समायोजित की गई ,अब उसमें कई लोग सेवानिवृत्त हो गए हैं। लेकिन राज्य सरकार उनके बिहार की सेवा को पूरी सेवा में नहीं जोड़ा जा रहा और न ही उन्हें पेंशन का भुगतान किया जा रहा है।जबकी 3 साल पहले ही हाई कोर्ट ने राज्य परिवहन कर्मचारियों को पेंशन भुगतान का निर्देश दिया था।लेकिन आदेश का पालन ना होने पर परिवहन विभाग के कुल 17 सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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