बीजू जनता दल (BJD) ने सोमवार को 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों से जुड़े आंकड़ों में विसंगतियों को लेकर ओडिशा हाईकोर्ट का रुख करने का फैसला किया। पार्टी प्रवक्ता अमर पटनायक ने बताया कि दिसंबर 2023 में चुनाव आयोग को इन गंभीर विसंगतियों के बारे में ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन आठ महीने बाद भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
BJD ने चुनाव आयोग के डेटा के विश्लेषण के आधार पर तीन प्रमुख विसंगतियों का हवाला दिया। पटनायक ने बताया कि ओडिशा की 21 लोकसभा सीटों पर ईवीएम में दर्ज वोटों से अधिक वोट गिने गए। फुलबनी विधानसभा के बूथ नंबर 57 में 682 वोट और तालसरा के कुछ बूथों में 660 से 784 वोटों का अंतर पाया गया। इसके अलावा, कई लोकसभा सीटों पर कुल वोट संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के वोटों के योग से मेल नहीं खा रहे थे।
वोट प्रतिशत में अचानक वृद्धि
बीजद विधायक ध्रुव साहू ने आरोप लगाया कि मतदान समाप्त होने के बाद वोटिंग प्रतिशत में 7% से 30% तक की चौंकाने वाली वृद्धि दर्ज की गई। उन्होंने केयोंझर सीट का उदाहरण दिया, जहां मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी चुनाव लड़े थे और यहां 30.64% का अंतर रिकॉर्ड किया गया। पार्टी ने सवाल उठाया कि ईवीएम और टेलीकॉम के इस युग में ऐसी विसंगतियां कैसे संभव हैं?
BJD की क्या हैं मांगें
पार्टी ने चुनाव प्रक्रिया की स्वतंत्र ऑडिट, फॉर्म 17सी की समयबद्ध उपलब्धता और वीवीपीएटी स्लिप्स की 100% जांच की मांग की है। पटनायक ने कहा, “विकसित लोकतंत्रों में ये प्रावधान हैं, तो भारत में क्यों नहीं?” अब चुनाव आयोग के जवाब का इंतजार किए बिना पार्टी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।





