Hindenburg Company closed: उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ दो साल पहले एक रिपोर्ट जारी कर भारत में सनसनी मचाने वाली और कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों को भाजपा पर तगड़ा हमला करने वाली अमेरिकी कंपनी “हिंडनबर्ग रिसर्च” पर ताला लग गया है, कंपनी प्रमुख ने इसे बंद करने की घोषणा की है, हिंडनबर्ग के बंद होने की खबर आते ही भाजपा ने अटैक किया है, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा-” हिंडनबर्ग भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत के खिलाफ “सुपारी” लेकर काम करने वाली कंपनी थी। उन्होंने कहा- हिंडनबर्ग की रिपोर्ट एक संगठित, प्रायोजित और आर्थिक आतंकवाद का हिस्सा थी। शहजाद पूनावाला ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर भी निशाना साधा ।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा अब ये स्पष्ट है कि हिंडनबर्ग सुपारी लेकर भारत की अर्थ व्यवस्था को सुपारी लेकर नुकसान पहुँचाने और निजी लाभ कमाने की मंशा से काम कर रहा था, ये कंपनी भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत के खिलाफ सुपारी थी। उसकी बातों को आगे बढ़ाने का काम कुछ राजनीतिक दल और उसके इको सिस्टम ने किया, यहाँ पर राहुल गांधी और उनकी पार्टी कांग्रेस “एक नेता और एक व्यक्ति” का विरोध करते करते भारत के खिलाफ उसकी अर्थ व्यवस्था के खिलाफ उतर गए।
किसके इशारे पर राहुल गांधी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को आगे बढ़ा रहे थे
शहजाद ने कहा राहुल गांधी और कांग्रेस अपने विदेशी पार्टनर हिंडनबर्ग का सहारा लेते हुए झूठे आरोप लगाकर भारत की अर्थ व्यवस्था को नुकसान पहुँचाने का काम कर रहे थे लेकिन अब तो हिंडनबर्ग बंद हो चुकी है तो कांग्रेस और उसका ईको सिस्टम समझाए कि क्यों और किसके इशारे पर राहुल गांधी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को आगे बढ़ा रहे थे जबकि सुप्रीम कोर्ट भी इसे ख़ारिज कर चुकी थी।
क्या एक संयोग था या फिर सोरोस का कोई प्रयोग था?
शहजाद पूनावाला ने कहा कि संसद को चलने नहीं देना, देश में आर्थिक अराजकता का माहौल पैदा करना, क्या एक संयोग था या फिर सोरोस का कोई प्रयोग था? इसलिए आज कांग्रेस को ना सिर्फ माफ़ी मांगनी चाहिए बल्कि ये भी बताना चाहिए कि उनका हिंडनबर्ग के साथ रिश्ता क्या था? आज कांग्रेस को स्पष्टीकरण देना चाहिए। कांग्रेस को बताना चाहिए कि अपने राजनीतिक लाभ के लिए भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाकर जो लाभ हिंडनबर्ग को मिला उससे उसे कितना मुनाफा हुआ, क्या इसके लिए कांग्रेस कभी माफ़ी मांगेगी , स्पष्ट हो चुका है कि कांग्रेस और उसका इको-सिस्टम राष्ट्रविरोधी है।
The news of #HindenburgResearch confirms and validates the following
1) Supari Hitjob, sponsored by anti India forces, targeted to create Economic anarchy in India lacked any credibility – SC had rubbished this report, they faced investigations in US & they were using… pic.twitter.com/WKNrTp0hfg
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) January 16, 2025