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Wed, Dec 17, 2025

मणिपुर में राजनीतिक बदलाव; भाजपा के तीन नेताओं ने थामा कांग्रेस का दामन, कितना पड़ेगा फर्क

Written by:Mini Pandey
Published:
पूर्व विधायक वाई. सुरचंद्र सिंह काकचिंग विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, जबकि एल. राधाकिशोर सिंह ओइनाम क्षेत्र के विधायक रह चुके हैं। इन नेताओं के अनुभव को कांग्रेस के लिए एक बड़ी पूंजी माना जा रहा है।
मणिपुर में राजनीतिक बदलाव; भाजपा के तीन नेताओं ने थामा कांग्रेस का दामन, कितना पड़ेगा फर्क

मणिपुर में एक बड़े राजनीतिक बदलाव के तहत भाजपा के तीन प्रमुख नेताओं ने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है। यह घटना दिल्ली में आयोजित एक समारोह में हुई, जिसमें पूर्व विधायक वाई. सुरचंद्र सिंह और एल. राधाकिशोर सिंह के साथ-साथ पार्टी नेता उत्तमकुमार निंगथौजम ने कांग्रेस का दामन थामा। इन नेताओं का स्वागत अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में मणिपुर प्रभारी सप्तगिरी शंकर उलाका और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के. मेघचंद्र सिंह की उपस्थिति में किया गया।

इन नेताओं का बीजेपी छोड़ने का निर्णय मणिपुर में चल रहे संकट के कथित कुप्रबंधन और बीजेपी की नीतियों के प्रति बढ़ती नाराजगी के बीच आया है। कांग्रेस ने अपने बयान में कहा कि यह कदम यह दर्शाता है कि लोग अब कांग्रेस को ही राज्य में शांति, स्थिरता और समावेशी शासन प्रदान करने में सक्षम मान रहे हैं। यह बदलाव मणिपुर की राजनीति में कांग्रेस की स्थिति को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

काकचिंग विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व

पूर्व विधायक वाई. सुरचंद्र सिंह काकचिंग विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, जबकि एल. राधाकिशोर सिंह ओइनाम क्षेत्र के विधायक रह चुके हैं। इन नेताओं के अनुभव को कांग्रेस के लिए एक बड़ी पूंजी माना जा रहा है। एआईसीसी के मणिपुर प्रभारी उलाका ने कहा कि इन नेताओं के शामिल होने से पार्टी को और मजबूती मिलेगी और यह मणिपुर में कांग्रेस के बढ़ते प्रभाव का प्रतीक है।

बीजेपी के प्रति अपना असंतोष जताया

कांग्रेस ने दावा किया कि यह राजनीतिक बदलाव मणिपुर में लोगों के बीच बीजेपी के प्रति असंतोष को दर्शाता है। पार्टी का कहना है कि इन नेताओं का अनुभव और समर्पण कांग्रेस को राज्य में अपनी स्थिति को और सुदृढ़ करने में मदद करेगा। यह खबर मणिपुर की राजनीति में एक नए समीकरण की शुरुआत का संकेत दे रही है, जहां कांग्रेस अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने की कोशिश में है।