Sun, Dec 28, 2025

Organ Donation : भारत घूमने आई स्पेनिश महिला ब्रेन डेड, अंग दान के जरिए 4 भारतीयों सहित 5 को दिया नया जीवन

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
Organ Donation : भारत घूमने आई स्पेनिश महिला ब्रेन डेड, अंग दान के जरिए 4 भारतीयों सहित 5 को दिया नया जीवन

सांकेतिक तस्वीर

Organ Donation :  कहते हैं ये शरीर मिट्टी का बना है और मिट्टी में मिल जाना है। एक दिन ये शरीर और संसार छूट जाता है, लेकिन हमारे जाने के बाद भी हमारा शरीर कई लोगों के जीने की वजह बन सकता है। हम बात कर रहे है ऑर्गन डोनेशन की। हमारे अंग किसी और जरूरतमंद व्यक्ति को जीवनदान दे सकते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ स्पेन (Spain) की रहने वाली टेरेसा मारिया फर्नांडीज (Teresa Maria Fernandez) के साथ।

टेरेसा भारत घूमने आई थीं। वो एक ग्रुप के साथ पर्यटक के रूप में यहां आई थी और उनका इरादा इस देश को जानना समझना था। लेकिन किस्मत को तो शायद कुछ और ही मंजूर था। 5 जनवरी को उन्हें ब्रेन स्ट्रोक आया और इसके बाद उन्हें मुंबई के जसलोक अस्पताल में भर्ती कराया गया। न्यूरोलॉजिस्ट डॉ आजाद ईरानी और न्यूरोसर्जन डॉ सुधीर अंबेकर ने उनका ऑपरेशन किया लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। डॉ अंबेकर ने बताया कि ’67  साल की टेरेसा को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया’। उनकी तबियत के बारे में जानकारी मिलने पर उनका बेटा और बेटी भारत पहुंचे। टेरेसा की डॉक्टर बेटी ने कहा कि उनकी मां हमेशा से अंग दान (organ donation) करना चाहती थीं और इसके बाद उनका पूरा परिवार इसके लिए राज़ी हो गया।

स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइसेशन (ROTTO-SOTTO) के अनुसार स्पेनिश महिला फेफड़े, लिवर और किडनी तीन भारतीय मरीजों को दिए गए। उनका दिल एक लेबनानी नागरिक को मिला और हड्डियां और नसें भी दान कर दी गई। उनके लिवर मुंबई के 54 वर्षीय डॉक्टर को दिए गए हैं, जिससे उनकी जान बच सकी। नानावती अस्पताल में हेपाटोलॉजी एंड ट्रांसप्लांट मेडिसिन के प्रोग्राम डायरेक्टर डॉक्टर चेतन कलाल ने ये ट्रांसप्लांट किया। टेरेसा को 2019 में लीवर सिरोसिस हो गया था और उसके बाद से उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं रहने लगी थी। किसी दूसरे देश में उनकी अनायास मृत्यु उनके घरवालों के लिए एक बड़ा सदमा है, लेकिन जिस तरह उन्होने ऑर्गन डोनेशन का निर्णय लिया वो सराहनीय है। ये बहुत ही नेक काम है अंगदान के जरिए मृत्यु के बाद भी लोग किसी और के जीवन को बचाने में सहायक हो सकते हैं।