देश, डेस्क रिपोर्ट। बुकर प्राइज विजेता और जाने-माने लेखक सलमान रूश्दी पर अमेरिका में बीती रात (भारतीय समय) जान लेवा हमला हुआ। हमला उस दौरान हुआ जब वह न्यूयॉर्क के चौटाऊक्वा में एक प्रोग्राम में बोलने के लिए स्टेज पर खड़े हो रहे थे। पत्रकारों के मुताबिक हमला तब हुआ जब रूश्दी को एंकर द्वारा स्टेज पर बुलाया जा रहा था, इसी दौरान एक व्यक्ति भीड़ में से दौड़ता हुआ आया और चाकू से रूश्दी के गले और पेट पर हमला कर दिया।
इसके बाद वह स्टेज पर गिर पड़े और उन्हें तत्काल हेलीकॉप्टर से नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। पुलिस द्वारा दी गई ताजा जानकारी की बात करें तो सलमान रूश्दी अभी वेंटिलेटर पर हैं, हमले में उनके लीवर और गले पर गहरी चोट आई हैं, साथ ही उनकी एक आंख खोने की संभावना भी है।
हमलावर की पहचान 24 वर्षीय युवक के रूप में की गई है जिसका नाम हादी मतर है। यह शख्स न्यूजर्सी के फेयरव्यू का रहने वाला है। हमले के दौरान शख्स ने काले कपड़े पहने हुए थे। हालांकि पुलिस अभी भी इस मामले की जांच पड़ताल कर रही है और इस शख्स ने हमला क्यों किया इस बात का भी पता लगा रही है।
कौन है सलमान रूश्दी?
75 साल के मशहूर लेखक सलमान रूश्दी को विश्व भर में प्रसिद्धि तब मिली जब उनकी किताब मिडनाइट चिल्ड्रन को वर्ष 1981 में ब्रिटेन का प्रसिद्ध बुकर प्राइस मिला। इसके बाद वर्ष 1988 में आई उनकी एक किताब द सैटेनिक वर्सेस ने उनकी पूरी जिंदगी हिला कर रख दी। इस किताब के आने के बाद रूश्दी के लिए ईरान से मौत का फतवा जारी किया गया। मुसलमानों का कहना था इस किताब में प्रोफेट मोहम्मद का अनादर किया गया है। फतवे के बाद रशदी ने भारत छोड़कर यूनाइटेड किंगडम में जाकर पनाह ली।
कई सालों तक जान बचाते हुए रूश्दी ने उस वक्त चैन की सांस ली जब ईरान ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए वर्ष 1998 में कहा कि हम रूश्दी की हत्या का समर्थन नहीं करते हैं। रूश्दी इसके बाद अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में जाकर बस गए। 2012 में रूश्दी ने अपना एक वृतांत लिखा जिसका टाइटल उन्होंने दिया “जोसेफ एंटोइन”, इसके बाद इनकी पहचान फ्रीडम ऑफ स्पीच एक्टिविस्ट के रूप मे भी की जाने लगी। वर्ष 2015 में चार्ली हेब्डो मैगजीन मामले में हुई हत्याओं का भी उन्होंने बढ़-चढ़कर विरोध किया।
आपको बता दें बीबीसी को दिए गए इंटरव्यू में रूश्दी ने विवादित किताब की बात करते हुए कहा था कि मेरे द्वारा लिखी गई किताब को न तो खोमैनी और न ही किसी और के द्वारा पढ़ा गया है, सिर्फ चुनिंदा चीजों को तोड़ मरोड़कर सभी के सामने पेश किया जा रहा है। यह किताब किसी भी तरीके से इस्लाम की ईश निंदा नहीं करती है।
रूश्दी पर हुए हमले के बाद पूरे विश्व में सनसनी फैल चुकी है। विश्व के सभी प्रसिद्ध लेखक और कलाकार इस हमले की निंदा करते हुए नजर आ रहे हैं। भारतीय मशहूर लेकर अमिताभ घोष का कहना है “सलमान रूश्दी पर कातिलाना हमले की खबर सुनकर मैं स्तब्ध हूं, उनके जल्द ही स्वस्थ होने की कामना करता हूं”। अमिताभ घोष के साथ बॉलीवुड के मशहूर लेखक जावेद अख्तर ने भी इस हमले को आत्मघाती बताया है और इसकी आलोचना की है।
बांग्लादेशी स्वीडिश लेखक तस्लीमा नसरीन ने भी रूश्दी पर हुए इस हमले की आलोचना की है। नसरीन का कहना है ” सलमान रूश्दी पर न्यूयॉर्क में हुए हमले की खबर मिली, मैं हैरान हूं, मैंने कभी नहीं सोचा था ऐसा कुछ होगा, 1989 से वह पश्चिम में रह रहे हैं और सुरक्षित हैं, अगर उन पर हमला हो सकता है तो उस हर शख्स पर हमला हो सकता है जो इस्लाम की निंदा करेगा, मैं परेशान हूं”।
सैटेनिक वर्सेज के अलावा रूश्दी कि नोबेल जो लोगों में खासा लोकप्रिय हैं वह हैं हरोउन एंड द सी ऑफ स्टोरीज; द मूर्स लास्ट साइ; द ग्राउंड बिनीथ हर फीट; फ्यूरी; शालीमार एंड द क्लाउन, मिडनाइट चिल्ड्रंस; ग्रीमस और शेम
I just learned that Salman Rushdie was attacked in New York. I am really shocked. I never thought it would happen. He has been living in the West, and he has been protected since 1989. If he is attacked, anyone who is critical of Islam can be attacked. I am worried.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) August 12, 2022