Manali News Hindi: सोशल मीडिया पर पशुओं के प्रति क्रूरता को लेकर आए दिन वीडियो वायरल हो रहे हैं। कभी कोई इन पशुओं को आग में जलाकर मार डालता है तो कभी कोई ऊंची इमारतों से फेंक देता है। देख कर यह समझ नहीं आता कि जो मर रहा है वह जानवर है या जो मार रहा है वह जानवर है।
ऐसा ही एक मामला मनाली के पुलिस स्टेशन में सामने आया है, जहां पर एक लोकल म्युनिसिपल कमेटी के सफाई कर्मी के विरुद्ध कुत्ते को जहर देकर मारने की F.I.R दर्ज की गई है।
यह F.I.R यहां के एक रहवासी ने दर्ज कराई है जिस का आरोप है कि सफाई कर्मी ने उसके कुत्ते को जहर देकर मार दिया है। शिकायत के बाद कुत्ते का पोस्टमार्टम कर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
हालांकि पुलिस का कहना है कि जिसने सफाई कर्मी के विरुद्ध F.I.R दर्ज कराई है वह कर्मी का नाम तक नहीं जानता और यह F.I.R उसने केवल एक एनजीओ के कहने पर दर्ज कराई है।
Manali म्युनिसिपल कमेटी और NGO के आरोप
इस घटना के बाद NGO और म्युनिसिपल कमेटी ने एक दूसरे पर आरोप लगाना भी शुरू कर दिए हैं। कमेटी के चेयरमैन चमन कपूर का कहना है कि जिस वक्त एनजीओ के द्वारा यह वीडियो बनाया गया उस समय सफाई कर्मी कुत्ते के अवशेषों को वहां से हटा रहा था। इतना ही नहीं हमें कुत्ते के पागल होने की भी जानकारी प्राप्त हुई थी।
जब हम वहां पहुंचे उससे पहले ही कुत्ता मर चुका था। आगे बात बताते हुए कपूर ने कहा कि एनजीओ के अधिकारी पिछले साल आवारा कुत्तों के स्टेरलाइजेशन प्रोग्राम के लिए हमारे पास आए थे जिसके लिए हमने उन्हें जगह देने का भी वादा किया था। लेकिन NGO प्रत्येक कुत्ते पर स्टेरलाइजेशन के लिए तीन हजार रुपए की मांग कर रहा था। जिसके चलते बात आगे नहीं बन पाई थी।
साथ ही कपूर ने बताया कि एनजीओ द्वारा मीडिया को भी 14 मार्च को गलत जानकारी दी गई थी कि रामबाग इलाके में 6 कुत्तों की मौत हुई है जबकि वहां केवल एक कुत्ते की ही मौत हुई थी। इस बात की पुष्टि पुलिस ने भी की है।
हालांकि एनजीओ का कहना है कि म्युनिसिपल कमेटी सबूतों को छुपाने की कोशिश कर रही है और इसे साबित करने के लिए हमारे पास मृत कुत्तों की वीडियो और सफाई कर्मी द्वारा किए गए कृत्य के कबूल नामे की वॉइस रिकॉर्डिंग मौजूद है।