जाति जनगणना के फैसले पर बोले राहुल गांधी, हम समर्थन करते हैं, लेकिन हमें समय सीमा बताए सरकार

राहुल गांधी ने कहा कि प्राइवेट शैक्षणिक सस्थाओं ने आरक्षण लागू ये कानून है और हम चाहते हैं कि मोदी सरकार इसे लागू करे, इन्होंने जाति जनगणना का विरोध किया था , इसमें देरी की लेकिन अब स्वीकार किया है हम इसका स्वागत करते है।

Caste Census India : मोदी कैबिनेट के जाति जनगणना के फैसले का विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने समर्थन और स्वागत किया है, उन्होंने कहा ये हमारा विजन है और इसे सरकार ने अपनाया है हम इसका समर्थन करते हैं,  स्वागत करते हैं लेकिन हमें समय सीमा चाहिए सरकार ये बताये कि वो ये कब तक करवाएगी?

मोदी सरकार द्वारा जाति जनगणना के अचानक लिए फैसले ने कांग्रेस सहित विपक्षी गठबंधन को चौंका दिया है, फैसले के बाद कांग्रेस ने तत्काल एक प्रेस कांफ्रेंस अरेंज की जिसे राहुल गांधी ने संबोधित किया, उन्होंने कहा संसद में हमने कहा था कि जाति जनगणना को हम करवाकर छोड़ेंगे।

राहुल गांधी ने किया समर्थन, तंज भी कसा  

राहुल गांधी ने कहा पीएम मोदी कहते थे कि देश में केवल चार जातियां हैं लेकिन 11 साल बाद अचानक क्या हुआ कि आज उन्होंने जाति जनगणना करवाने की घोषणा कर दी, हम इसका समर्थन करते हैं, लेकिन हम समय सीमा चाहते हैं जानना चाहते हैं ये कब तक होगा ये पहला कदम है।

राहुल ने तेलंगाना मॉडल की तारीफ की 

उन्होंने कहा तेलंगाना जाति जनगणना का एक मॉडल बना है और वो ब्लू प्रिंट बन सकता है, इसे डिजाइन करने में हमारा सरकार को पूरा समर्थन है, हम इसे डिजाइन करेंगे क्योंकि डिजाइन बहुत जरूरी है अभी दो डिजाइन हैं एक बिहार का और दूसरा तेलंगाना का और दोनों में जमीन आसमान का अंतर है।

ये पहला कदम है अभी और आगे जाना है 

उन्होंने कहा हमारा जो विजन है वो ये है कि एक बिलकुल नया विकास का मॉडल जाति जनगणना के आधार पर लाना चाहते हैं, सिर्फ आरक्षण ही नहीं मगर हम ये सवाल पूछ रहे हैं कि ओबीसी, दलित, आदिवासी की इस देश में कितनी भागीदारी है जाती जनगणना से पता चलेगा, राहुल ने कहा ये पहला कदम है हमें बहुत आगे जाना है।

 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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