Land for Job Scam : बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर सीबीआई की टीम की पहुंची है। जांच एजेंसी IRCTC घोटाला यानि जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के मामले में राबड़ी देवी के साथ पूछताछ कर रही है। IRCTC घोटाला में जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने का मामला शामिल है, जिसमें कुछ लोग जमीन का दस्तावेज बदलकर अधिकार प्राप्त करने के लिए आरक्षण के लिए वादा करते थे। मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, CBI की 12 सदस्यीय टीम राबड़ी देवी से पूछताछ करने के लिए पहुंची है। इस टीम में सीबीआई के अधिकारी शामिल हैं जो IRCTC घोटाले मामले के जांच के लिए उपस्थित हैं।
ये लोग थे मौजूद
छापेमारी के दौरान विधान परिषद् सदस्य सुनील कुमार सिंह और उनके भाई, विधानसभा सदस्य तेजस्वी यादव समेत बहुत से लोग राबड़ी देवी के आवास पर मौजूद थे। इसके अलावा, लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव विधानसभा के लिए निकले हुए हैं। लालू प्रसाद यादव पिछले महीने सिंगापुर से किडनी ट्रांसप्लांट कराने के बाद भारत लौट आए हैं।
बिहार: पटना में सीबीआई की टीम पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर मौजूद हैं। उनके घर के अंदर के अधिकारियों ने पुष्टि की। अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है। pic.twitter.com/aLZlITuZ57
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 6, 2023
IRCTC घोटाला
सीबीआई की टीम पूर्व मुख्यमंत्री जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के मामले में पूर्व सीएम से पूछताछ कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, टीम लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में ही पुछताछ करने आई है। वहीं, चार्जशीट पेशी की तारीख 15 मार्च है लेकिन उससे पहले ही टीम पहुंच गई। बता दें कि CBI की टीम द्वारा पूछताछ का कार्यक्रम पहले से तय था और इसके लिए CBI ने नोटिस भेजा था। पहले यह पूछताछ CBI कार्यालय में होने वाली थी लेकिन बाद में CBI ने राबड़ी आवास पर पूछताछ करने का फैसला किया।
क्या है IRCTC घोटाला
IRCTC घोटाला मामला भारत में 2013 में सामने आया था। इस मामले में आरोप लगाए गए थे कि भारतीय रेलवे टूरिज्म कारपोरेशन (Indian Railway Catering and Tourism Corporation, IRCTC) के माध्यम से ट्रेन टिकट बुक करने के लिए दिए जाने वाले कोटियों को दलालों द्वारा निजी लाभ के लिए बेचा जाता था। इस मामले में उन्नयन सिंह, राशिद मसूद, अजय गर्ग, अमित भारद्वाज, संजय कुमार तिवारी और मधु गुप्ता जैसे अन्य लोगों के खिलाफ आरोप लगाए गए थे। इनमें से उन्नयन सिंह, राशिद मसूद और अजय गर्ग को जेल भेज दिया गया था। इस मामले के बाद भारतीय रेलवे ने टिकट बुकिंग की प्रक्रिया में कई सुधार किए थे।