अमर शहीद क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की आज 94वीं शहादत दिवस है। अंग्रेजी हुकूमत से लड़ते हुए 27 फरवरी 1933 को अमर क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद ने प्रयागराज के अल्फ्रेड पार्क में अपने जीवन की अंतिम सांस ली थी। उनके शहादत दिवस पर आज गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें नमन किया है। बता दें कि जिस अल्फ्रेड पार्क में चंद्रशेखर आजाद ने अपने जीवन की अंतिम सांस ली थी, उसे आज ‘अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क’ के नाम से जाना जाता है।
27 फरवरी 1933 को चंद्रशेखर आजाद अल्फ्रेड पार्क में सुखदेव राज के साथ मौजूद थे। लेकिन इस दौरान सीआईडी के सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस नॉट बाबर सिपाहियों के साथ अल्फ्रेड पार्क पहुंच गया। साथ में भारी संख्या में पुलिस बल भी थी। नॉट बाबर ने चंद्रशेखर आजाद को चारों ओर से घेरकर गोलीबारी शुरू कर दी। चंद्रशेखर आजाद ने भी जवाब में फायरिंग की और तीन पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया, जबकि कई अंग्रेज सैनिक घायल हो गए। चंद्रशेखर आजाद के पास गोलियां बेहद कम थीं। जब उनके पास सिर्फ एक ही गोली बची, तब उन्होंने अपने वचन के मुताबिक खुद को ‘आजाद’ साबित करते हुए स्वयं को गोली मार ली और वीरगति को प्राप्त हो गए।

23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में हुआ था जन्म
क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के भावरा गांव में हुआ था। चंद्रशेखर आजाद के पिता का नाम सीताराम तिवारी, जबकि माता का नाम जगरानी देवी था। बचपन में ही चंद्रशेखर आजाद ने देश के लिए अपना जीवन न्योछावर करने का प्रण ले लिया था और छात्र जीवन से ही स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए थे। 1921 में महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में भी चंद्रशेखर आजाद ने हिस्सा लिया था, लेकिन उन्हें अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया था।
माँ भारती के अजेय सपूत चंद्रशेखर आजाद जी ने अपने जीवन से यह सिद्ध किया कि मातृभूमि के प्रति कर्त्तव्यों की कोई सीमा नहीं होती। युवाओं को आजादी के आंदोलन में सक्रियता से जोड़कर ब्रिटिश हुकूमत की नींद उड़ाने वाले आजाद जी के बलिदान ने आजादी की चिंगारी को महाज्वाला बना दिया।
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— Amit Shah (@AmitShah) February 27, 2025
गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें नमन किया
अमर शहीद क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के 94वीं शहादत दिवस पर गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें नमन किया। गृहमंत्री ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा “मां भारती के अजय सपूत चंद्रशेखर आजाद जी ने अपने जीवन में यह सिद्ध किया कि मातृभूमि के प्रति कर्तव्य की कोई सीमा नहीं होती। युवाओं को आजादी के आंदोलन में सक्रियता से जोड़कर ब्रिटिश हुकूमत की नींद उड़ाने वाले आजाद जी के बलिदान ने आजादी की चिंगारी को महाज्वाला बना दिया। अमर बलिदानी और महान स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद जी के बलिदान दिवस पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।”