मुख्यमंत्री की बड़ी घोषणा, अब शहरों में भी गारंटी रोजगार योजना की शुरुआत

Pooja Khodani
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जयपुर डेस्क रिपोर्ट। कोरोना के बाद उबर रही अर्थव्यवस्था को संवारने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने राजस्थान के शहरी क्षेत्र में रहने वाले बेरोजगार लोगों के लिए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू करने का ऐलान किया है। प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में 9 सितंबर से योजना शुरू हो रही है।

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि “कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था के साथ ही आम जनता की आजीविका पर संकट आ गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो पहले से ही यूपीए सरकार द्वारा लागू की गई महात्मा गांधी नरेगा योजना है। लेकिन शहरों में इस तरह की कोई योजना नहीं है। शहरों में रहने वाले परिवारों विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर ,असहाय और बेरोजगार परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए मनरेगा की तर्ज पर बजट घोषणा के अनुरूप शहरों में भी योजना सुनिश्चित करने के लिए इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू की जा रही है।”

मुख्यमंत्री का मानना है कि इस योजना से शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले परिवारों को जीवन यापन करने में मदद मिलेगी।9 सितंबर 2022 से शुरू हो रही इस योजना में इच्छुक परिवारों को साल में 100 दिन के रोजगार की गारंटी है। इसके लिए उन्हें अपना नगरीय निकाय या किसी भी ई मित्र केंद्र पर पंजीकरण कराना होगा। यह पंजीकरण जन आधार कार्ड के माध्यम से होगा। इस योजना में 18 से 60 साल तक की आयु के लोग पात्र होगे।अब तक इस योजना के तहत 2.25 लाख परिवारों ने पंजीकरण करा लिया है।

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इस योजना के तहत जल संरक्षण, हेरिटेज संरक्षण, उद्यानों का रखरखाव, पर्यावरण संरक्षण, अतिक्रमण एवं अवैध बोर्ड, होल्डिंग, बैनर आदि हटाना, स्वच्छता एवं सेनिटेशन व अन्य कार्य कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने वर्तमान बजट में इस योजना को लाने की घोषणा की थी और उनका मानना है कि यह योजना राजस्थान में बेरोजगारी को खत्म करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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