Child Marriage : क्लासरूम में नाबालिग लड़के ने भरी लड़की की मांग,वीडियो वायरल

आंध्र प्रदेश, डेस्क रिपोर्ट। आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के पूर्व गोदावरी जिले (East Godavari)  के रजा महेंद्रवरम से एक होश उड़ा देने वाला मामला सामने आया है, जहां दो नाबालिगों ने क्लास रूम में ही शादी (child marriage) रचा ली। 17 साल का नाबालिग (Minor)  लड़का मंगलसूत्र लेकर क्लासरूम पहुंच गया और वहां लड़की के मांग में सिंदूर भरकर और मंगलसूत्र पहना कर उससे शादी (Child marriage) कर ली। नाबालिगों (Minor) की शादी का वीडियो सोशल मीडिया (Social media) पर जमकर वायरल हो रहा है। नाबालिगों की शादी (Child marriage) की जानकारी जैसे ही प्रशासन (Administration) को लगी तो उनके होश उड़ गए जिसके बाद पुलिस ने बाल विवाह निरोध अधिनियम (Child Marriage Restraint Act) के तहत केस दर्ज कर लिया है और जांच में जुट गई है।

रिपोर्ट में बताया गया कि इंटरमीडिएट सेकंड ईयर (Intermediate second year) में एमपीसी (MPC) पढ़ रहे 2 छात्रों ने पिछले महीने की 17 तारीख को अपने ही क्लास रूम में शादी रचा ली। नाबालिगों ने अपनी शादी का पूरा वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसके बाद अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। बता दें कि जब लड़का लड़की को मंगलसूत्र पहना रहा था तो वहां उपस्थित विद्यार्थियों ने उनका वीडियो बनाया। वीडियो वायरल होने के बाद जब इस पूरे मामले की खबर प्रिंसिपल को तक पहुंची तो वे दंग रह गए।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।