Fri, Dec 26, 2025

अब ऑटो और ई रिक्शा से स्कूल नहीं जाएंगे बच्चे, सुरक्षा के दृष्टिगत राज्य सरकार का बड़ा फैसला

Written by:Ronak Namdev
Published:
अब बिहार के सभी जिलों में अगले महीने से स्कूली बच्चे परिवहन के लिए ऑटो और ई-रिक्शा का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। राज्य सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है कि अब 1 अप्रैल से स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए परिवहन में ऑटो या ई-रिक्शा का इस्तेमाल पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा।
अब ऑटो और ई रिक्शा से स्कूल नहीं जाएंगे बच्चे, सुरक्षा के दृष्टिगत राज्य सरकार का बड़ा फैसला

बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, सरकार ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 1 अप्रैल से ऑटो और ई-रिक्शा से स्कूल जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए बिहार परिवहन विभाग द्वारा यह फैसला लिया गया है। दरअसल, राज्य में लगातार सड़क हादसों में वृद्धि हो रही है, जिसको देखते हुए यह कदम उठाया गया है। स्कूल जाने वाले बच्चों के साथ कई तरह की दुर्घटनाएं हो जाती हैं। इसे रोकने के लिए परिवहन विभाग ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

इसे लेकर बिहार सरकार का मानना है कि ऑटो और ई-रिक्शा में अक्सर स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं। सरकार के लिए स्कूल जाने वाले बच्चों की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि सरकार की ओर से यह बड़ा निर्णय लिया जा रहा है।

क्यों लिया गया यह फैसला?

दरअसल, बिहार में स्कूली बच्चों के साथ वाहनों में कई दुर्घटनाएं होती आई हैं। पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। अब सरकार द्वारा इस प्रकार की घटनाओं को गंभीरता से लेकर यह प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। बिहार सरकार ने बच्चों के लिए एक सुरक्षित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने का प्रयास किया है। अब 1 अप्रैल से ऑटो और ई-रिक्शा बच्चों को स्कूल नहीं ले जा सकेंगे। बिहार पुलिस मुख्यालय के यातायात विभाग द्वारा इस निर्णय को लेकर आदेश जारी किए गए हैं, जिसके तहत 1 अप्रैल 2025 से छात्र-छात्राएं स्कूल जाने के लिए इनका इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।

शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लागू किया जाएगा

जानकारी दे दें कि बिहार सरकार ने यह जो फैसला किया है, वह बिहार के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लागू किया जाएगा। सरकार इस फैसले को सख्ती से पालन करवाने का रुख अपना रही है। सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए वैकल्पिक, सुरक्षित और स्वस्थ परिवहन व्यवस्था भी तैयार की जाए, जिससे बच्चों को यात्रा में किसी तरह की दिक्कत न हो और वे सुरक्षित तथा सुविधाजनक तरीके से अपने स्कूल पहुंच सकें।