MP Breaking News
Fri, Dec 19, 2025

चीनी विदेश मंत्री 18 अगस्त को करेंगे भारत दौरा, एनएसए अजीत डोभाल से होगी मुलाकात; क्यों बेहद अहम

Written by:Mini Pandey
Published:
2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच सात घंटे तक चली हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, जिनमें एक कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल थे।
चीनी विदेश मंत्री 18 अगस्त को करेंगे भारत दौरा, एनएसए अजीत डोभाल से होगी मुलाकात; क्यों बेहद अहम

चीनी विदेश मंत्री वांग यी 18 अगस्त को भारत का दौरा करेंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ विशेष प्रतिनिधि तंत्र के तहत वार्ता करेंगे। यह दौरा 2020 में गलवान घाटी में हुई सीमा झड़प के बाद भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सूत्रों ने बताया कि यह मुलाकात दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों को मजबूत करने की कोशिशों का हिस्सा है।

यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 31 अगस्त को शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के लिए चीन यात्रा से पहले हो रहा है। पिछले महीने, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए चीन का दौरा किया था, जहां उनकी वांग यी के साथ मुलाकात हुई थी। इसके अलावा, जून में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया था। दोनों देशों ने हाल ही में नई दिल्ली और बीजिंग के बीच सीधी उड़ानें बहाल करने का आदेश भी दिया है।

20 भारतीय सैनिक शहीद

2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच सात घंटे तक चली हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, जिनमें एक कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल थे। चीन ने शुरू में अपनी हताहतों की संख्या का खुलासा नहीं किया, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, चीनी सेना को भारत से दोगुने से अधिक नुकसान हुआ था। इस घटना ने दोनों देशों के बीच छह दशक में सबसे खराब राजनयिक संबंधों को जन्म दिया। हालांकि, संबंधों को बहाल करने के लिए दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख, डेपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में अपनी सेनाओं को पीछे हटाने पर सहमति जताई है।

50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा ने भी नई दिल्ली को चीन के साथ अपने संबंधों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया है। इस संदर्भ में, वांग यी का भारत दौरा और डोभाल के साथ उनकी मुलाकात दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह दौरा दोनों पक्षों के लिए आपसी हितों को साधने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करेगा।