Wed, Dec 31, 2025

चिंतन शिविर 2022: अक्टूबर में जनता के बीच जाएगी कांग्रेस, राहुल गांधी के निशाने पर भाजपा और संघ

Written by:Atul Saxena
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चिंतन शिविर 2022: अक्टूबर में जनता के बीच जाएगी कांग्रेस, राहुल गांधी के निशाने पर भाजपा और संघ

उदयपुर, डेस्क रिपोर्ट। चुनावों की तैयारियों को लेकर राजस्थान के उयदयपुर में चिंतन कर रही कांग्रेस (Congress) के तीन दिवसीय नव संकल्प चिंतन शिविर का आज आखिरी दिन है। शिविर के आखिरी दिन राहुल गांधी का सम्बोधन हुआ। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पार्टी में संवाद की परंपरा का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के DNA में सबको बोलने का अधिकार है लेकिन दूसरी पार्टियों में ऐसा नहीं होता। हमें तो संसद में ही नहीं बोलने दिया जाता। उन्होंने कहा कि अक्टूबर महीने में पूरी कांग्रेस पार्टी जनता के बीच जाएगी और यात्रा करेगी।

राहुल गांधी जब चिंतन शिविर (Congress Chintan Shivir Udaipur 2022) में सम्बोधन के लिए खड़े हए तो उन्होंने सबसे पहले कहा कि यहाँ अलग अलग कमरों में हो रहे डिस्कशन को मैंने नजदीक से देखा और सुना है। यहाँ हर कोई खुलकर अपनी बात रख रहा है।  एक सीनियर लीडर ने तो बेहिचक पूछ लिया कि भाजपा और संघ का मुकाबला कैसे करना हैं ?

भाजपा पर निशाना 

राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उत्तराखंड के भाजपा से कांग्रेस में आये नेता यशपाल आर्य की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आर्य जी ने मुझे बताया है कि दलित होने की वजह से उन्हें भाजपा में अपमानित किया गया। उन्होंने कहा कि जितनी आजादी यहाँ बोलने की है किसी पार्टी में नहीं है। कांग्रेस के DNA में ही बोलने की आजादी है।

जनता से रिश्ता मजबूत करना होगा 

राहुल गांधी ने कहा कि आज देश की जनता परेशान है और हमारी ओर देख रही है। इसलिए पार्टी ने तय किया है कि अक्टूबर में पूरी कांग्रेस जनता के बीच जाएगी।  कांग्रेस के पास जाएगी उसके साथ बैठेगी , कांग्रेस का जनता से जो पुराना रिश्ता था उसे फिर से पूरा करेगी।  ये काम शॉर्टकट से नहीं होगा, इसके लिए पसीना बहाना होगा।

आज संवाद पर रोक लगाई जा रही है 

राहुल गांधी ने कहा कि आज देश में किसी को बोलने नहीं दिया जा रहा। हमें तो संसद में बोलने नहीं दिया जाता, हमारे माइक बंद कर दिए जाते हैं, सदस्यों को सदन से बाहर कर दिया जाता है, न्यायपालिका को दबाब में लिया जा रहा है , मीडिया विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है।  लेकिन हमें समझना होगा कि कोई नहीं बोलेगा तो इसके परिणाम देश के लिए घातक होंगे।