सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि देश की न्यायिक प्रणाली इस समय कई अनोखी और गंभीर चुनौतियों से जूझ रही है. जिनसे निपटने के लिए सुधार बेहद जरूरी हैं। उन्होंने यह बात हैदराबाद स्थित नालसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कही। इस मौके पर उन्होंने छात्रों को आगे की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति के जरिये विदेश जाने की सलाह भी दी।
असल में सीजेआई गवई ने कहा कि भारतीय न्याय व्यवस्था में मुकदमों का निपटारा अक्सर दशकों तक लटक जाता है। उन्होंने बताया कि कई बार ऐसा देखा गया है कि लोग वर्षों तक विचाराधीन कैदी के रूप में जेल में बंद रहते हैं और बाद में उन्हें बेकसूर करार दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की जटिल समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने में देश की सर्वोत्तम प्रतिभाओं की भूमिका बेहद अहम हो सकती है।
सुधार की सख्त जरूरत है ताकि आम जनता को समय पर न्याय मिल सके
मुख्य न्यायाधीश ने छात्रों को सलाह दी कि वे आगे की पढ़ाई की योजना बनाते समय अपने परिवार पर आर्थिक बोझ न डालें और छात्रवृत्ति का रास्ता अपनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायिक प्रणाली में व्यापक सुधार की सख्त जरूरत है ताकि आम जनता को समय पर न्याय मिल सके।
छात्रों के भविष्य को लेकर सीजेआई गवई ने एक और महत्वपूर्ण सलाह दी कि वे अपने जीवन में जिन गुरुओं का चयन करें वह उनके प्रभाव या पद देखकर नहीं बल्कि उनकी ईमानदारी और मूल्यों के आधार पर करें। उन्होंने कहा कि मूल्य आधारित सोच ही किसी को सही दिशा में ले जा सकती है।
मूल्य आधारित सोच ही सही
इस दीक्षांत समारोह में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पीएस नरसिम्हा और तेलंगाना हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पॉल भी शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता भी जस्टिस पॉल ने की। चीफ जस्टिस गवई शुक्रवार को ही हैदराबाद पहुंच गए थे और राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राज्य के पुलिस महानिदेशक जितेंद्र ने उनका स्वागत किया। तेलंगाना पुलिस ने ट्विटर पर पोस्ट कर उनके आगमन की जानकारी दी थी।





