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Tue, Dec 9, 2025

CM ममता बनर्जी का केंद्र पर हमला, SIR और मनरेगा का मुद्दा उठाया, कहा- हम BJP की तरह वोट नहीं खरीदते

सीएम ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कई मुद्दों पर चर्चा की। मनरेगा को लेकर कहा कि, "करोड़ों रुपये रोके गए हैं। बदले की आग में सरकार ने सबसे कमजोर लोगों पर हमला किया है।"
CM ममता बनर्जी का केंद्र पर हमला, SIR और मनरेगा का मुद्दा उठाया, कहा- हम BJP की तरह वोट नहीं खरीदते

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कुछ महीने का ही समय बाकी है। बीजेपी, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस पार्टी तैयारियों में में जुट चुकी है। जिसके कारण राज्य की राजनीति में लगातार उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। रास मेला ग्राउन्ड में आयोजित एक जनसभा में सीएम ने  मनरेगा के नियमों का मुद्दा उठाया है। इसके अलावा SIR को राजनीतिक साजिश बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि, “केंद्र सरकार ने राजनीतिक बदले की भावना में बंगाल की मनरेगा लाइफलाइन का गला घोंटा है। करीब 52 हजार करोड़ रुपये रोक दिए गए। ग्रामीणों को मजदूरी नहीं मिल पा रही है। उनके परिवार को कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है। ऐसा करके सरकार ने राज्य के सबसे कमजोर लोगों पर हमला किया है।”

आगे ममता ने कहा, “संसद में कई बार सवाल उठाए गए। विरोध प्रदर्शन भी किया। लेकिन सरकार की तरफ से इस मामले में कोई एक्शन नहीं लिया गया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद को केंद्र ने कोई कदम नहीं उठाया, जिससे  “संवैधानिक अधिकार” का भी अपमान किया।” इसके अलावा कर्म श्री समेत राज्य सरकार द्वार शुरू की गई योजनाओं की चर्चा भी और कहा “बंगाल अपने लोगों का हाथ नहीं छोड़ता”

SIR एक राजनीतिक साजिश- सीएम ममता बनर्जी 

केंद्र सरकार पर SIR के नाम पर मतदाताओं के नाम मिटाने का आरोप भी सरकार पर लगाया है। उन्होंने कहा कि, “यह प्रक्रिया 2 साल पहले भी की जा सकती थी। लेकिन चुनाव से ठीक पहले इसे जल्दी बाजी में पास किया गया।” यह भी कहा कि फाइनल वोटर लिस्ट जारी होने के तुरंत बाद ही चुनाव घोषित किए जाएंगे। ताकि किसी प्रकार कानूनी  कार्रवाई भी ना हो सके। सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ” यह एक राजनीतिक साजिश है। जिसे 2026 चुनाव से कुछ महीने पहले अंजाम दिया गया है। इसका मकसद  नागरिकों को डराना, वॉटर्स के नाम हटाना और नागरिकों को डरना है।”

उन्होनें कहा कि, “यदि हम SIR की इजाजत नहीं देते तो चुनाव कराने के लिए प्रेसिडेंट रूल लागू कर दिया जाता। इसके बाद बीजेपी बंगाल पर कब्जा कर लेती और राज्य पूरी तरीके से बर्बाद हो जाता। लोगों की पहचान मिटाई जाती। भाषा को भी टारगेट बनाया जाता। इसके बाद बंगाल एक बड़े डिटेंशन कैंप में बदल जाता।”

बीजेपी पर लगाए वोट खरीदने के आरोप 

मुख्यमंत्री ने भाजपा पर वोट ख़रीदने और झूठे वादे करने के आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने कहा कि, “हम बीजेपी की तरह पैसे से वोट नहीं खरीदते। हम लोगों के प्यार और भरोसे से वोट कमाते हैं। हम जनता को जो भी देते हैं चुनाव से बहुत पहले देते हैं। भाजपा की तरह उज्वला योजना की अचानक घोषणाएं या चाय बागानों को फिर से खोलने के दावे नहीं करते। यह सब कुछ ड्रामा है।”