दिल्ली में मंगलवार (29 जुलाई) को भारी बारिश के बाद जलभराव की समस्या एक बार फिर से सुर्खियों में आ गई। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आईटीओ क्रॉसिंग का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और दावा किया कि उनकी सरकार की त्वरित कार्रवाई के चलते जलभराव वाले इलाकों से महज 30 से 45 मिनट में पानी निकाल दिया गया। उन्होंने कहा, “हमारी सभी टीमें सतर्क हैं। मैंने स्थानीय लोगों से बात की और उन्होंने भी पुष्टि की कि आधे घंटे से कम समय में पानी निकल गया।” सीएम ने आगे बताया कि उन्होंने नगर निगम अधिकारियों से राजधानी के हर जलभराव बिंदु की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है ताकि भविष्य में इससे निपटने की रणनीति और प्रभावी बनाई जा सके।
विपक्ष का निशाना: आप नेता आतिशी ने उठाए सवाल
मुख्यमंत्री के दावों के कुछ ही घंटों बाद आम आदमी पार्टी (आप) की नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। गोवा दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत में आतिशी ने कहा, “गाद निकालने पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली में जलभराव की स्थिति चिंताजनक है। ये पैसा आखिर किसकी जेब में गया?” उन्होंने पूछा कि क्या यह मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, मंत्री प्रवेश वर्मा या बीजेपी के खजाने में गया? आतिशी ने यह भी दावा किया कि जिन इलाकों में पहले कभी पानी नहीं भरता था, वे भी अब बाढ़ जैसी स्थिति से जूझ रहे हैं।
जलनिकासी पर खर्च और प्रभावशीलता पर सवाल
आप पार्टी की नेता ने यह मुद्दा भी उठाया कि मानसून से पहले दिल्ली में गाद निकालने का कार्य कितना प्रभावी था। उनका कहना था कि अगर वाकई करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं, तो फिर सड़कों पर गाड़ियां नावों की तरह क्यों तैर रही हैं? उन्होंने इस पूरे खर्च की स्वतंत्र जांच की मांग की है। आतिशी के अनुसार, यह केवल जलनिकासी की विफलता नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार का संकेत है।
आम जनता की परेशानी और सड़कें बनीं तालाब
बारिश के बाद दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों में जलभराव से हालात बिगड़ गए। आईटीओ, जखीरा अंडरपास, रिंग रोड, नजफगढ़ और अन्य जगहों से पानी में फंसी गाड़ियों की तस्वीरें सामने आईं। लंबे जाम और पानी में धंसी सड़कों ने आम लोगों की परेशानी को और बढ़ा दिया। स्कूल और दफ्तर जाने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने राजधानी की सड़कों की हालत को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी।





