पुलिसकर्मियों को CM का तोहफा, मिलेगा अग्रिम वेतन का लाभ, भत्तों में भी इजाफा

पुलिस बल को मजबूत करने के लिए गृह विभाग में लगभग 10,000 पद जल्द भरे जायेंगे। पुलिस बल की दक्षता बढ़ाने के लिए पुलिस स्टेशनों को 9,000 बाइक उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है।

Pooja Khodani
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  1. पुलिसकर्मियों को मिलेगी एक महीने की एक्स्ट्रा सैलरी
  2. गृह विभाग में जल्द भरे जाएंगे 10,000 पद
  3. पुलिस स्टेशनों को 9,000 बाइक उपलब्ध कराने की व्यवस्था

Odisha Police Employees : ओडिशा के पुलिस कर्मियों के लिए खुशखबरी है।नए साल से पहले सीएम मोहन चरण माझी ने बड़ी सौगात दी है। सीएम ने घोषणा की कि राज्य पुलिस के तहत काम करने वाले हवलदार, कांस्टेबल और सिपाहियों को एक महीने का अतिरिक्त वेतन मिलेगा और संशोधित पारिश्रमिक मिलेगा। मोटरसाइकिल भत्ता (पहले साइकिल भत्ता) भी 300 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये किया जाएगा।

सीएम ने कहा कि संघ की मांगों के अनुसार, मैं वर्दी भत्ता (जूते सहित) 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये करने की घोषणा करता हूं। कांस्टेबल, हवलदार और सिपाही को वस्त्र भत्ते के रूप में 10,000 रुपये मिलेंगे। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के संबंध में भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

गृह विभाग में भरे जाएंगे लगभग 10,000 पद 

सोमवार को हवलदार, कांस्टेबल और सिपाही महासंघ के 45वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम  मोहन माझी ने कहा कि पुलिस बल को मजबूत करने के लिए गृह विभाग में लगभग 10,000 पद जल्द भरे जायेंगे। पुलिस बल की दक्षता बढ़ाने के लिए पुलिस स्टेशनों को 9,000 बाइक उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। प्रत्येक थाने को छह बाइकें दी जाएंगी। पुलिस बल के सहयोग के लिए हाउसकीपर का पद भरा जाएगा।इसमें रिक्त और नये पदों को मिलाकर लगभग 5 हजार पदों पर भर्ती करने का निर्णय लिया गया है।

जिलों में बनेंगे साइबर थाने

मुख्यमंत्री मोहन माझी ने कहा कि साइबर क्राइम हर किसी के लिए एक बड़ी चुनौती है, इसे ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार पुलिस विभाग के साइबर सेल को मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए कृतसंकल्प है। इसके लिए आने वाले दिनों में उन जिलों में साइबर थाने स्थापित करने का लक्ष्य है जहां साइबर थाने नहीं हैं। साइबर अपराधों की उच्च स्तरीय जांच और निगरानी के लिए भुवनेश्वर में एक राज्य स्तरीय साइबर अपराध शाखा बनाई जाएगी, जिसका प्रभारी एक वरिष्ठ अधिकारी होगा।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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